अवैध प्रार्थना स्थल गिराने का मामला : विधि व न्याय विभाग ने दी खैरे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी

Law and Justice Department approves prosecution against Khaire
अवैध प्रार्थना स्थल गिराने का मामला : विधि व न्याय विभाग ने दी खैरे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी
अवैध प्रार्थना स्थल गिराने का मामला : विधि व न्याय विभाग ने दी खैरे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि राज्य के विधि व न्याय विभाग ने अवैध प्रार्थना स्थल को गिराने गए अधिकारी के साथ बदसलूकी के मामले में आरोपी औरंगाबाद से शिवसेना के सांसद चंद्रकांत खैरे के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की है। इस संबंध में संबंधित विभाग के मंत्री जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लेगे। निर्णय लेने से जुड़ा प्रस्ताव जल्द ही गृह विभाग के संचिव के माध्यम से मंत्रीजी के पास भेजा जाएगा। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीष गोडबोले ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। 

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस एमएस सोनक की बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई चल रही है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि औरंगाबाद से सांसद खैरे के खिलाफ साल 2015 में औरंगाबाद  के पुलिस आयुक्त की ओर से भेजे गए मुकदमा चलाने की मंजूरी से जुड़े प्रस्ताव पर निर्णय क्यों नहीं लिया गया है।

विधि व न्याय विभाग ने दी खैरे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी
अदालत के इस सवाल के जवाब में श्री गोडबोले ने गृह विभाग के उपसचिव विजय पाटील की हलफनाा दायर कर सफाई दी। हलफनामे में कहा गया है कि खैरे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी से जुड़े प्रस्ताव पर निर्णय लेने में जानबूझकर देरी नहीं की गई है। यह प्रस्ताव काफी समय तक गृह विभाग के अधिकारी के पास रखा था। संवादहीनता के चलते इस प्रस्ताव पर निर्णय नहीं हो पया पर बाद में जल्द ही इस प्रस्ताव की छानबीन से जुड़ी औपचारिकता को पूरा करने के बाद विधि व न्याय विभाग के पास उसकी राय के लिए भेजा गया था।

विधि व न्याय विभाग ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी के तहत खैरे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है पर इस विषय पर अंतिम निर्णय संबिधित विभाग के मंत्री जल्द से जल्द निर्णय लेंगे। हलफनामें में कहा गया है कि खैरे ने भड़काउ भाषण दिया था। इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में निर्णय लेने में हो रही देरी को लेकर राज्य सरकार ने कोर्ट के सामने खेद भी व्यक्त किया। इस तरह से खैरे के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के मामले में हुई देरी को लेकर राज्य सरकार ने कोर्ट में साफई दी है। 

अवैध प्रार्थना स्थलों को वैध करने को लेकर सरकार से मांगी जानकारी
इस बीच बेंच ने काफी संख्या में अवैध प्रार्थना स्थलों को वैध किए जाने के मामले में राज्य सराकर से इस प्रकरण को लेकर गठित राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक से जुड़ी जानकारी मांगी। बेंच ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे अवैध प्रार्थना स्थलों को वैध करने का निर्णय लेते समय विवेक का इस्तेमाल ही नहीं किया गया है। बस हल्के में निर्णय ले लिया गया है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता भगवान जी रयानी ने बेंच के सामने कहा था कि राज्य भर में 50 हजार अवैध प्रार्थना स्थलों की पहचान की गई थी, लेकिन सरकार ने इसमे से करीब 44 हजार प्रार्थना स्थलों को अवैध कर दिया है। इस तरह से 90 प्रतिशत अवैध प्रार्थना स्थलों को वैध कर दिया गया है। इस पर बेंच ने राज्य सरकार से इस पहलू पर सफाई मांगी थी। बेंच ने फिलहाल मामले को लेकर दायर हलफनामे पर गौर करने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। 

Created On :   7 Sept 2018 7:04 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story