मनीलांड्रिंंग मामले में देशमुख के खिलाफ ईडी के पास सबूत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनीलांड्रिंंग के मामले में राज्य के पूर्व गृहमंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख की भूमिका को सीधे तौर पर दर्शानेवाले ईडी के पास कोई सबूत नहीं है। साल 2010 के पुराने ट्रांजक्सन को लेकर ईडी ने कार्रवाई की है। शुक्रवार को देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी व अनिकेत निकम ने बांबे हाईकोर्ट में यह दावा किया। सुनवाई के दौरान देशमुख के वकील की ओर से दावा किया गया कि अब तक ईडी बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को मुख्य आरोपी बता रही थी अब उसे ही मामले में सरकारी गवाह बन रही है। हाईकोर्ट में देशमुख के जमानत आवेदन पर सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति पीके चव्हाण के सामने देशमुख के वकील ने अपना पक्ष रखा। अब ईडी की ओर से एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह अपना पक्ष रखने की शुरुआत की है। न्यायमूर्ति ने अब 10 अगस्त को इस मामले की सुनवाई रखी है। ईडी ने देशमुख को इस मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में न्यायिक हिरासत में बंद है। जमानत आवेदन में जमानत के लिए अपनी बढती उम्र व सेहत ठीक न होने का भी हवाला दिया है।
Created On :   29 July 2022 8:51 PM IST