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8 दिन तक फंसा रहा पैर में मांजा, पुलिस को भी आ गई दया, जानिए - गायब हो रहे है बाघ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पक्षियों को मांजे से घायल होते हुए आपने सुना और देखा होगा। लेकिन जमीन पर पड़े मांजे अब पशुओं को भी घायल कर रहे हैं। इसी तरह का एक मामला महल में सामने आया है। जहां पुलिस स्टेशन परिसर में एक डॉग के पैर में 8 दिन मांजा फंसा रहा। मांजा उसकी चमड़ी को काटकर अंदर तक घुस गया था। जिससे उसे तड़पते देख पुलिस को दया आ गई। जब मांजा निकालने की कोशिश की गई, तो सफल नहीं हो सके। इसके बाद पशु मित्रों की मदद लेकर रेस्क्यू कर उसे मांजे से मुक्त किया गया।
उमरेड करांडला की रानी बाघिन चांदी 3 गुमशुदा
उमरेड से करीबन 5 किलोमीटर सटीक उमरेड करांडला अभारण्य चांदी बाघिन और जय वाघ से कम से कम समय में प्रख्यात हुआ था चांदी ने अभितक 30 के पास बाघ छावको को जन्म दिया है उसमे चांदी और जय से छावाको में बाघ फैरी, राहिन,जयचंद, बाहु, इन्होंने कराण्ङला अभारण्य की शान बरकरार रखी और पर्यटकों को लुभाने में सफल रहे, 18 अप्रैल 2016 को जय नामक बाघ की अचानक गायब हो जाने से अभारन्य में कोई पर्यटक आना नहीं चा रहा था उसमे 1 साल बाद चांदी और जय का बछड़ा जयचंद ने को देखने पर्यटक आना ही सुरु हूवा था कि 2 साल के भीतर जनवरी 2018 जयचंद नामक बाघ भी अचानक गायब हुआ करीबन 11 महीने बाद दिसंबर 2018 को बाघिन राहिन और बाघ चार्जर अभरण्य के पवनी रेंज में जहर खाने से 2 बाघो से मुत्रू हो गई
पिछले डेढ़ साल से अभरण्या की रानी चांदी और अपने छवाको के साथ उमरेड रेंज में स्थित थी
सुहास बोकड़े वन्यजीव प्रेमी के मुताबिक कुछ 3 महीनसे बाघिन चांदी अचानक पर्यटकों और गाइड को नहीं दिख पाई इस संदर्भ में पर्यटकों और गाइड द्वारा अभारान्य के अधिकारी को बार बार सूचना दी जाने से अधिकारी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है और ना कि कोई ठोस कदम उठाए जा रहे है ऐसे में पर्यटकों और वन्य प्रेमी में नाराजी के सामने आ रहीं है। पिछले 3 महीनोसे उमरेड अभारान्य की रानी चांदी अचानक गायब होने की घटना एक दुदर्वी है चांदी बाघिन से ही उमरेड पवनी करांडला अभारण्या सुरु हुआ है वाइल्ड लाइफ विभाग के तरफ़ से लापरवाही का बार बार नमूना सामने आ रहा है वाइल्ड लाइफ की तरफ से बाघिन चांदी का खोज सुरु कर जिंदा या मरा पता लगाना जरूरी है
महल में फीमेल डॉग ने कुछ दिन पहले ही 5 श्वानों को जन्म दिया था। इसी बीच रास्ते पर नॉयलान मांजा किसी तरह उसके पैर में इस कदर फंस गया था, कि वह जितना खींचती मांजा उसका पैर घायल करते रहा। उसे असहनीय दर्द भी होता था। थाना परिसर में रहने से कुछ पुलिसवालों को तरस आया। उन्होंने पैर में फंसा मांजा निकालने की कोशिश जरूर की, लेकिन नाकाम रहे।
पुलिसकर्मी विश्वजीत उके, निलेश चौधरी ने पशु कल्याण अधिकारी स्वप्नील बोधाने, सोनू मंडपे को इसके बारे में जानकारी दी। निजी डॉग रेस्क्यू टीम के पवन झकरेल से संपर्क किया गया। जिसके बाद साहिल चिकोरे पुलीस स्टेशन पहुंचे। देखा तो उसके पिछला पैर घायल हो गया था। मांजा स्किन के भीतर तक घुस चुका था। इसलिए पैर पर काफी सूजन थी। जैसे-तैसे मांजे को निकाला गया। अगर सही समय पर मांजा नहीं निकाला जाता, तो पैर गंवाना पड़ता।
Created On :   22 Jan 2020 7:46 PM IST