विधान परिषद प्रश्नोत्तर : नागपुर मनपा को 315 करोड़ मिलना बाकी 

विधान परिषद प्रश्नोत्तर : नागपुर मनपा को 315 करोड़ मिलना बाकी 
विधान परिषद प्रश्नोत्तर : नागपुर मनपा को 315 करोड़ मिलना बाकी 
विधान परिषद प्रश्नोत्तर : नागपुर मनपा को 315 करोड़ मिलना बाकी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागपुर महानगर पालिका को मूलभूत सुविधा विकास योजना के तहत राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने मंजूर 316 करोड़ 83 लाख रुपए में से केवल 1 करोड़ रुपए वितरित किया है। जबकि 315 करोड़ 83 लाख रुपए वितरित करना बाकी है। प्रदेश के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण सरकार के राजस्व में कमी आई है। लेकिन विकास कामों को रोका नहीं जाएगा। नागपुर मनपा के जिन कामों का कार्य आदेश दिया जा चुका है। उसके लिए निधि कम पड़ने नहीं दी जाएगी। 

राज्य सरकार विकास कामों के लिए प्राथमिकता से निधि उपलब्ध कराएगी। प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य प्रवीण दटके ने इस संबंध में सवाल पूछा था। शिंदे ने कहा कि सरकार ने निधि वितरण में कोई भेदभाव नहीं किया है। सरकार ने नागपुर मनपा को साल 2015-16 में 161 करोड़ रुपए, साल 2016-17 में 333 करोड़ रुपए, साल 2017-18 में 664 करोड़ रुपए और साल 2018-19 में 620 करोड़ रुपए वितरित किए हैं। इस पर दटके ने कहा कि हमारा यह नहीं कहना है कि नागपुर मनपा को निधि कम दी गई है। फिलहाल नागपुर शहर में कई सड़कों का काम रूका हुआ है। मानसून शुरू होना वाला है। इसलिए जिन कामों का कार्य आदेश  दिया जा चुका है उसके लिए निधि उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जिस पर शिंदे ने कहा कि निर्माणाधीन कामों के लिए निधि उपलब्ध कराई जाएगी।

औरंगाबाद मनपा के लिए 5716 पदों को मंजूरी

औरंगाबाद मनपा के लिए स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों के 5716 पदों के स्टाफ पैटर्न को 15 फरवरी 2021 के शासनादेश के जरिए मंजूरी दी गई है। विधान परिषद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी। शिंदे ने बताया कि औरंगाबाद मनपा की आम सभा से सभी विभागों के पदों के स्टाफ पैटर्न की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद मनपा आयुक्त आस्तिक कुमार पांडे ने सरकार के पास इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा था। इसमें स्वास्थ्य विभाग के पदों का भी समावेश है। राकांपा सदस्य सतीश चव्हाण और विक्रम काले ने इस संबंध में सवाल पूछा था।

शिक्षा सस्थान का अन्य इस्तेमाल पर कामर्शियल दर से वसूली

राज्य में धर्मादाय संस्था कानून के तहत पंजीकृत शैक्षणिक संस्थाओं के जो स्कूल स्वतंत्र इमारतों में चलते हैं ऐसी शैक्षणिक संस्थाओं से संपत्ति कर निवासी दर से वसूली की जाती है। जबकि शैक्षणिक संस्था द्वारा शिक्षा के अलावा अन्य कामों के लिए जगह का इस्तेमाल करने पर कामर्शियल दर से संपत्ति कर लिया जाता है। राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। निर्दलीय सदस्य बालाराम पाटील ने इस संबंध में सवाल पूछा था।

महाराष्ट्र के किसानों को नुकसान भरपाई के लिए आंदोलन

इसके अलावा महाराष्ट्र के किसानों को नुकसान भरपाई मिलनी चाहिए इसलिए आज विधान भवन मे बीजेपी विधायको ने आंदोलन किया। 

 


 

Created On :   3 March 2021 12:37 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story