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नसबंदी कराने में पीछे पुरुष, टारगेट पूरा नहीं कर पा रही सरकारी मिशनरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नसबंदी को लेकर पुरुषों में आज भी वहम और भ्रम का माहौल है। लाख प्रशासनिक दावों के बावजूद आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं। आरटीआई के खुलासे के तहत जिले में सवा 3 साल के दौरान 18,566 महिलाओं ने नसबंदी कराई थी। जबकि नसबंदी कराने में पुरुष काफी पीछे है। पिछले सवा 3 साल में केवल 9,76 पुरुषों ने की नसबंदी कराई। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल जिले में शहर को छोड़ कर नसबंदी का आंकड़ा सबसे कम यानी 5622 है।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसके तहत लोगों को नसबंदी के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को भी नसबंदी कराने का हर साल टारगेट दिया जाता है। लेकिन सरकारी मशीनरी टारगेट पूरा करने में सफल नहीं हुई। आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर को प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 2015 से 30 अप्रैल 2018 तक नागपुर जिले में 18,564 महिला और पुरुषों की नसबंदी करने पर महिला को 1000 व पुरुष को 1500 प्रोत्साहन राशि दी गई। महिला की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा प्रोत्साहन राशि देने के बावजूद पुरुष नसबंदी करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे।
नसबंदी कराने में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों का औसत 6 फीसदी है। सरकार ने नसबंदी का टारगेट पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को नसबंदी के लिए प्रोत्साहित करण करने के लिए कई योजनाएं भी लाई है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस योजनाओं और लाभ का भी लोगों पर असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार छोटा परिवार सुखी परिवार जैसे नारो भी देती है। छोटे परिवारों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं चलाने के साथ ही रियायते भी दी गई हैं।
नसबंदी ऑपरेशन में ज्यादा लोग शामिल हो, इसलिए सरकार प्रोत्साहन राशि देने के अलावा नसबंदी के बाद संबंधितों का पूरा इलाज भी मुफ्त में करती है। 2015-16 में 7091 महिला 2016-17 में 6058 महिलाओं ने नसबंदी कराई। वहीं 2017-18 में 5417 महिलाओं ने नसबंदी कराई। इसी तरह पुरुषों की बात करें, तो 2015-16 में 466 पुरुष 2017 में 305 पुरुषों 2017 में 205 पुरुषों ने नसबंदी कराई। जिले के लिए 12102 लोगों की नसबंदी कराने का टारगेट दिया था। लेकिन 3 साल की अपेक्षा इस साल नसबंदी करने वालों का आंकड़ा सबसे कम रहा।
Created On :   2 Sept 2018 7:10 PM IST