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दस दिनों से भूखे पेट शिक्षा ग्रहण कर रहे नन्हें विद्यार्थी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. पंचायत समिति अंतर्गत सावरी जिला परिषद प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों को घटिया दर्जे का पोषण आहार परोसा जाने के कारण को लेकर विद्यार्थी व अभिभावकों ने भोजन ग्रहण न करने का निर्णय लिया। जिस पर प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि दोषियों पर कार्रवाई कर नया पोषण आहार उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन इस बात को 10 दिन बीत गए, नया पोषण आहार नहीं पहुंचा। जिस कारण जिला परिषद स्कूल के विद्यार्थी भूखे पेट 10 दिनों से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा व विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के प्रति जिला प्रशासन का शिक्षा विभाग कितना सतर्क है यह उपरोक्त मामले को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है। बता दें कि जिला परिषद व अनुदानित शालाओं के कक्षा पहली से कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों को शालाओं में मध्यान्ह भोजन पोषण आहार के रूप में दिया जाता है। ताकि दोपहर के दौरान कोई भी विद्यार्थी भूखा पेट शिक्षा ग्रहण न करें। लेकिन सावरी जिला परिषद शाला में घटिया दर्जे के पोषाण आहार की आपूर्ति की गई थी और इसी पोषण आहार को पकाकर शाला प्रशासन ने विद्यार्थियों को परोसना शुरू कर दिया था। जब यह बात विद्यार्थी व अभिभावकों के निर्देश में आई तो शाला प्रबंधन समिति व अभिभावकों ने 21 सितंबर से मध्यान्ह भोजन ग्रहण न करने का निर्णय लिया और स्कूल परिसर में ही पत्र परिषद का आयोजन कर शिक्षा विभाग की पोल खोल दी। जिस पर गोंदिया पंचायत
समिति के सभापति मुनेश रहांगडाले,
गुटविकास अधिकारी डा. चौरागडे, गुट शिक्षाधिकारी राऊत ने शाला को भेंट देकर तत्काल नया पोषण आहार की आपूर्ति कर संबंधित दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह का आश्वासन दिया गया था। लेकिन मामले को 10 दिन बीत जाने के बावजूद भी न तो नया पोषण आहार पहुंचा न ही संबंधितों पर कार्रवाई हुई। घटना के दिन से अर्थात 10 दिनों से विद्यार्थी भूखे पेट शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
नहीं पहुंचा पोषण आहार
टी.एन. सोनवाने, मुख्याध्यापक, जिप शाला, सावरी के मुताबिक विद्यार्थियों को नए से पोषण आहार उपलब्ध कराने की बात की गई थी, लेकिन अब तक पोषण आहार की आपूर्ति नहीं हुई है। जिस कारण मध्यान्ह भोजन बंद है।
Created On :   30 Sept 2022 5:46 PM IST