नवनिर्मित स्वास्थ्य सेंटरों के तीन साल से नहीं खुले ताले, इमारतों को जमींदोज कर किया गया था निर्माण

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जहां एक ओर शासन बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा देने का वादा कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं कोसों दूर नजर आ रही है। नागरिकों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं तो शासन की बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। अनेक मामलों में समय पर इलाज नहीं होने से नागरिकों को जान गंवाने की नौबत आन पड़ी है। बताया जाता है कि, जिले के तहसील स्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत करोड़ों की लागत से सार्वजनिक स्वास्थ्य सेंटर इमारतों का निर्माणकार्य किया गया है। इमारतों का लोकार्पण पिछले तीन वर्षों से नहीं किया गया है। इमारतों के ताले नहीं खोले जाने से चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं जस की तस नजर आ रही है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि, तीन जर्जर इमारतों को जमीदोंज कर पुनर्निर्माण किया जा चुका है। उसी तरह नए 5 सार्वजनिक स्वास्थ्य सेंटर तैयार किए गए हैं, लेकिन पंचायत राज सेवा प्रणाली के तहत स्वास्थ्य कर्मियों के पद मंजूर नहीं होने तथा पदों पर नियुक्ति नहीं किए जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर विराम लगा होने का बताया है।
यहां बता दें कि, जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों की स्वास्थ्य सेवाएं हमेशा चर्चा में रही है। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए शासन द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान चलाया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तरों की चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाना है। बताया जा रहा है कि, जिले के तहसील स्तरों के ग्रामीण क्षेत्र में गोंदिया तहसील की ग्राम रावणवाड़ी, सालेकसा तहसील की ग्राम बीजेपार व अर्जुनी मोरगांव तहसील की ग्राम गोठनगांव स्थित सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारत जर्जर हो जाने से इमारतों को जमीदोंज किया गया है। इतना ही नहीं तो एनएचएम योजना के तहत 5 करोड़ 85 लाख रुपए की निधि खर्च कर छह माह पूर्व इमारतों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा चुका है। उसी तरह जिले के तिरोड़ा तहसील के ग्राम बेर्डीपार, सालेकसा तहसील की ग्राम गोर्रे, सड़क अर्जुनी तहसील की ग्राम चिखली, मोरगांव अर्जुनी तहसील के ग्राम ईडदा व देवरी तहसील के ग्राम पालांदुर इन पांच गांवों में डीपीसी योजना के तहत करीब 5 करोड़ की लागत से आधुनिक तरीके से सार्वजनिक स्वास्थ्य सेंटर इमारतों का निर्माणकार्य तीन वर्ष पूर्व किया जा चुका है। इतना ही नहीं तो कर्मियों की सुविधाओं के चलते क्वार्टरों का निर्माण किया गया है, लेकिन इमारतों के ताले अब तक नहीं खोले जाने से ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं सुचारु होते नजर नहीं आ रही है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि, जिले में 258 स्वास्थ्य उपकेंद्र की जगह अब 268 उपकेंद्र हो चुके हैं। नवनिर्मित इमारतों में बिजली, पानी और अन्य काम अधूरे होने से तथा कर्मियों की पदनियुक्ति नहीं किए जाने से स्वास्थ्य सेवा ठप नजर आ रही है।
शीघ्र होगा उद्घाटन
शासन की स्वास्थ्य योजनाओं के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माणकार्य किया गया है। कुछ इमारतों के काम अब भी अधूरे हैं। जिसमें बिजली, पानी और कर्मियों की कमी बनी हुई है। इमारतों के उद्घाटन के लिए दो वर्ष पूर्व प्रस्ताव भेजा जा चुका है। स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा जिले के पालकमंत्री के हाथों शीघ्र लोकार्पण किया जाएगा।
- डा. नितीन वानखेड़े, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, गोंदिया
Created On :   1 July 2022 7:27 PM IST