उपराजधानी में चल रहे बाहरी वाहनों से करोड़ों के राजस्व का घाटा- कारोबार पर भी हो रहा असर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दूसरे राज्य के हजारों वाहन महाराष्ट्र की सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिससे न सिर्फ करोड़ों का राजस्व घाटा हो रहा बल्कि ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। नागपुर ट्रेलर ओनर्स यूनियन के शिष्टमंडल ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (ग्रामीण) विजय चव्हाण से भेंट कर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया। यूनियन के अध्यक्ष शैलेंद्र मिश्रा के मुताबिक राज्य में विविध प्रकार के विकासकार्य शुरू हैं। इन विकासकार्यों का ठेका लेने वाली अधिकांश कंपनियां दूसरे राज्य की हैं। इन कंपनियों द्वारा दूसरे राज्यों के वाहन महाराष्ट्र में लाए गए हैं। इन वाहनों का उपयोग निर्माण सामग्री ढोने में हो रहा है। यही नहीं, कथित कंपनियों द्वारा इन वाहनों का इस्तेमाल लोकल माल ढुलाई में भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिसकी वजह से स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
दंडात्मक कार्रवाई की जाती है
जानकारी के मुताबिक विगत कुछ वर्षों से हजारों वाहन इस तरह महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट काराेबार को प्रभावित कर रहे हैं। नियमानुसार जिस राज्य में वाहन का पंजीकरण किया गया है उसे उसी राज्य (आंतरिक परिवहन) में माल ढुलाई की अनुमति रहती है। यदि वाहन का नेशनल परमिट लिया गया है, तब भी वह एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ढुलाई तो कर सकता है लेकिन दूसरे राज्य में आंतरिक माल परिवहन में उस वाहन का उपयोग नहीं किया जा सकता। इस तरह माल परिवहन के लिए उसे संबंधित प्रादेशिक परिवहन विभाग में निर्धारित शुल्क जमाकर अनुमति लेनी होती है। ऐसा नहीं करने पर प्रादेशिक परिवहन विभाग को दंडात्मक कार्रवाई का अधिकार होता है। शिष्टमंडल में शामिल नागोराव वाघ, शेषमणि मिश्रा, सुधीर कापसे, अशोक पंडित, संजय शर्मा, राजेश बाला, पंकज भांगे, जितेंद्र स्वामी, अज्जू शाहू आदि ने बड़े ट्रेलर की लंबाई को लेकर रिकार्ड दुरुस्त करने, ओडीसी आवेदन निरस्त होने पर शुल्क वापसी की व्यवस्था करने, सर्वर फेल की समस्या का स्थायी उपाय करने आदि की मांग की।
Created On :   19 Feb 2023 7:25 PM IST