प्रेम और त्याग है संयुक्त परिवार की नींव

Love and sacrifice is the foundation of joint family
प्रेम और त्याग है संयुक्त परिवार की नींव
बागवान प्रेम और त्याग है संयुक्त परिवार की नींव

डिजिटल डेस्क, सिरोंचा। आज के दौर में अधिकत्तर युवा विवाह के पश्चात माता-पिता से दूर एकल परिवार में रहना पसंद करते हैं। किंतु जो प्यार और खुशियां एकसाथ रहने से मिलती है। वह अलग रहने से नहीं मिलती है। कई बार परिवार की  खुशियों के लिए हमें अपने सुखों का त्याग करना पड़ता। प्रेम और त्याग ही संयुक्त परिवार की नींव है। आज के व्यस्त दौर में अक्सर हम माता-पिता के साथ वक्त नहीं बिता पाते। किंतु कुछ समय निकालकर उनका हाल जान लेने से उन्हें संतुष्टी मिल जाती है। यह विचार सिरोंचा निवासी स्वर्णा पापय्या गुंडे ने व्यक्त किए।

आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वह कौन-सा पल था जिसमें आपने सफलता पाई और वह किस तरह आनेवाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकता है? 

मेरे पति पापय्या गुंडे किसान परिवार से थे। पूर्वजों से मिली खेती कर उन्होंनेे परिवार का गुजर-बसर शुरू किया। इसमें मैंने भी उनका पूरा साथ दिया। हमने बच्चों को अच्छे संस्कार और परवरिश दी। जिसका नतीजा है कि आज पूरा परिवार साथ रह रहा है। पति के निधन के बाद पूरी जिम्मेदारी मुझपर आ गई।

आपने जिंदगी में जो अनुभव प्राप्त किए हैं वे किस  तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं? 

मेरा परिवार ही मेरी विरासत है। जब परिवार के सभी सदस्यों को साथ देखती हूं। मन को सुकून मिलता है। मेरा मानना है हम युवाओं को एकता का महत्व समझाएं तो वे कभी भी माता-पिता से दूर नहीं रहेंगे। आज पोते-पोतियों के साथ समय बिताती हूं और उन्हें संस्कारित कर रही हूं।

अपने शहर, समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहते हैं, आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है? 

मैं सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हूं। परिवार भी हमेशा मेरा साथ देता है। युवा पीढ़ी से यही कहूंगी कि वे समाजसेवा व जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे अाएं।

Created On :   17 Dec 2021 6:47 PM IST

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