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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: एसटी की 270 बसें बुक, 8 लाख से ज्यादा की होगी कमाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की 270 लाल बसों की ड्यूटी लगाई गई हैं। 20 व 21 अक्टूबर को यह बसें चुनाव ड्यूटी में रहेंगी। जिसके लिए राज्य सरकार परिवहन महामंडल को प्रति किमी 50 रुपए के हिसाब से किराया देगी। इस बार परिवहन महामंडल के खाते में लगभग 8 लाख रुपए का इजाफा होने का अनुमान हैं। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में बसों का व्यस्त रहना यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
शहर में स्टार बसों को जिम्मेदारी
यह बसें शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न बूथों पर रहेंगी। चुनाव में बडी संख्या में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। बूथ पर सुबह आने से लेकर ईवीएम मशीनों को एक जगह से निर्धारित जगह तक पहुंचाने के लिए हर बार की तरह इस बार भी राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की एसटी लाल बसों को प्राथमिकता दी गई है। गौरतलब है कि, पहली बार चुनाव में इतनी अधिक बसों की जरूरत पड़ी है। इस बार नागपुर विभाग अंतर्गत 270 बसों को बुक किया गया है।
शहर में स्टार बसों को यह जिम्मा दिया गया है।
नागपुर विभाग की बात करें तो कुल 570 बसें विभिन्न दिशा में प्रतिदिन चलाई जाती हैं। इसमें शिवशाही बसों की संख्या भले ही कम है, लेकिन 150 से ज्यादा शिवशाही बसें पूरे विभाग में चलती हैं। लाल बसों पर यात्रियों का ज्यादा जिम्मा होता है। इसी माह दिवाली भी है। ऐसे में बस से सफर करने वालों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में बसों की संख्या कम पड़ने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। इनमें से लगभग आधी बसें दो दिन चुनाव ड्यूटी में रहने से यात्रियों को परेशान होना पड़ सकता है।
ऐसे मिलेगा राजस्व
एसटी की बसें प्रति किमी 50 रुपए के हिसाब से ली गई हैं। एक बस के ऐवज में 300 किमी का किराया देना तय है। ऐसे में एक बस से महामंडल को दो दिन में 30 हजार किराया मिलेगा। 270 बसों के ऐवज में 8 लाख से ज्यादा किराया राजस्व के रूप में महामंडल को मिलने वाला है।
यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं होगी
विधानसभा चुनाव के लिए हमारे विभाग की 270 बसें 20 व 21 अक्टूबर के लिए बुक की गई हैं। प्रति किमी 50 रुपए के हिसाब से किराया मिलेगा। यात्रियों के लिए अतिरिक्त बसें भी चलाई जाएंगी। उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। -टी. काडमेट, विभाग नियंत्रक, राज्य मार्ग परिवहन महामंडल नागपुर
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।