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विधानसभा में कानून-व्यवस्था पर चर्चा शुरू होते ही ‘लाइव’ प्रसार हुआ बंद, विपक्ष ने जताई आपत्ति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अधिवेशन समाप्त होने की पूर्व संध्या पर विपक्ष ने विधानपरिषद में नागपुर सहित राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर अंतिम सप्ताह प्रस्ताव रखा। विपक्षी नेताओं ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों के आंकड़े देने शुरू किए, वैसे ही विधानपरिषद का सीधा प्रसारण बंद हो गया। विधानपरिषद में प्रतिपक्ष नेता धनंजय मुंडे ने इस मुद्दे को हुए तालिका सभापति विद्या चव्हाण का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि सुबह से विधानपरिषद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण जारी था। लेकिन जैसे ही बिगड़ी कानून व्यवस्था पर चर्चा शुरू हुई, सीधा प्रसारण बंद हो गया है।
सीधा प्रसारण यू-ट्यूब से जुड़ा है। जिसके फुटेज चैनलों को देने की भी जरूरत नहीं है। ऐसे में सीधा प्रसारण बंद करने के पीछे कोई साजिश हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए। इसे लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा भी मचाया। इधर, सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आने पर आखिरकार तालिका सभापति विद्या चव्हाण ने सीधा प्रसारण क्यों बंद हुआ, इसकी जांच करने के निर्देश देते हुए पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
शिवसेना के जरिए सरकार पर निशाना
कांग्रेस नेता शरद रणपिसे ने अंतिम सप्ताह प्रस्ताव रखा था। इस दौरान श्री रणपिसे ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। हत्या, बलात्कार व अन्य अपराधों में महाराष्ट्र देश के तीन अव्वल राज्यों में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मैं नहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है। देश में बढ़ते अपराधों की तुलना में महाराष्ट्र का 25 प्रतिशत हिस्सा है। पिछले दिनों शिवसेना द्वारा जारी घोटालेबाज भाजपा पुस्तिका का हवाला देते हुए उन्होंने राज्य के 30 विभागों में घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुस्तिका में मंत्रियों के नाम सहित उनके कारनामे दिए गए है। इससे सरकार का पारदर्शी चेहरा सामने आ गया। उन्होंने कहा कि चिक्की घोटाला, गृहनिर्माण घोटाला, घाटकोपर घोटाला, एसआरए घोटाला अनेक घोटाले उजागर हुए। उसके सबूत दिए गए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर भी बोलते है कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। सब खा रहे है और सबको खिला रहे है। उन्होंने सरकार का निषेध करते हुए खेद व्यक्त किया।
दिखा रहे ईडी का डर
रणपिसे ने आरोप लगाया कि जो भी नेता या जनप्रतिनिधि सरकार, खासकर के खिलाफ कोई आरोप लगाता है तो उन्हें ईडी का डर बताया जा रहा है। ईडी को लेकर इन दिनों राज्य की राजनीति भी गर्माई है।
Created On :   21 Dec 2017 11:25 PM IST