महानंद को एनडीडीबी के हवाले करना चाहती है महाराष्ट्र सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य सरकार महाराष्ट्र राज्य सहकारी दुध महासंघ (महानंद) को चलाने के लिए केंद्र सरकार की राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को देना चाहती है। एनडीडीबी भी महानंद के प्रबंधन के लिए तैयार है। लेकिन एनडीडीबी महानंद के 940 में से केवल 400 कर्मचारी को काम पर रखेगी। इस कारण महानंद के बाकी कर्मचारियों को स्वैंच्छिक सेवानिवृत्ति स्कीाम (वीआरएस) का विकल्प दिया गया है। विधान परिषद में प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील ने यह जानकारी दी।
सोमवार को सदन में भाजपा सदस्य भाई गिरकर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से महानंद के कर्मचारियों के वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया था। विखे-पाटील ने कहा कि एनडीडीबी ने महानंद का सर्वे किया है। एनडीडीबी ने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों के कटौती के बिना वह महानंद की जिम्मेदारी नहीं ले सकती है। महानंद में फिलहाल 940 कर्मचारी हैं। एनडीडीबी केवल 400 कर्मचारियों की सेवा लेना चाहती है। ऐसे में सरकार ने 540 कर्मचारियों को वीआरएस का विकल्प दिया है।
सरकार कर्मचारियों का नुकसान नहीं होने देगी। सरकार महानंद को चलाने के लिए एनडीडीबी को सौंपने के बारे में फैसला करेगी। साथ ही महानंद में हुए भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। विखे-पाटील ने कहा कि महानंद की परिस्थिति बिगड़ गई है। महानंद की क्षमता 100 लाख लीटर दूध संकलन की है। लेकिन फिलहाल महानंद के पास 40 हजार लीटर दूध नहीं आ रहा है। ऐसे में महानंद कैसे चल सकता है?
Created On :   13 March 2023 9:05 PM IST