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महाराष्ट्र ने कहा, नहीं चाहिए इंपोर्टेड प्याज, बनी मोदी सरकार के गले ही हड्डी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्याज की किल्लत दूर करने के लिए विदेश से प्याज मंगा रही मोदी सरकार अब इस बात से परेशान है कि राज्य सरकारें मांग के बावजूद अब आयातित प्याज खरीदने को तैयार नहीं हैं। केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों ने प्याज की किल्लत को देखते हुए केन्द्र से लगभग 33 हजार मीट्रिक टन प्याज की मांग की थी। परंतु अब जब विदेश से प्याज भारत पहुंचने लगा है तब राज्यांे ने अपनी मांग वापस ले ली है। राज्य सरकारों के इस रवैए के बाद केन्द्रीय उपभोक्ता मंत्रालय की मुश्किल बढ़ गई है। इस संदर्भ में उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव की मंगलवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ बैठक हुई है। जानकारी के मुताबिक कैबिनेट सचिव ने राज्यों के संबंधित अधिकारियों से प्याज खरीदी पर बात की है। रामविलास पासवान ने प्याज को लेकर राज्यों की उदासीनता पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने विभिन्न राज्यों की मांगों के मद्देनजर 41,950 मीट्रिक टन प्याज के आयात का आदेश दे दिया है। इसमें से 12 हजार मीट्रिक टन प्याज भारत पहुंच भी गया है। उन्होने बताया कि राज्य सरकारों को आयातित प्याज 49 से 58 रूपये प्रति किलो की दर से ‘नो प्रॉफिट नो लॉस’ के आधार पर देने का फैसला किया गया है। बावजूद इसके राज्य अपनी मांगों को वापस ले रहे हैं।
महाराष्ट्र ने केन्द्र से मांगी थी 3,480 एमटी प्याज
मंत्रालय के मुताबिक प्याज की किल्लत के बाद जिन राज्यों ने केन्द्र सरकार से प्याज की मांग की थी उनमें महाराष्ट्र (3,480 एमटी), असम (10,000 एमटी), आन्ध्रप्रदेश (4200 एमटी), हरियाणा (3000 एमटी), कर्नाटक (250 एमटी), उत्तरप्रदेश (6,000 एमटी), नागालैंड (1,600 एमटी), तमिलनाडु (1,000 एमटी)और उत्तराखंड (1,000 एमटी)का नाम प्रमुखता से शामिल है। बाद मंे महाराष्ट्र असम और हरियाणा ने कह दिया कि उन्हें अब प्याज की जरूरत नहीं है। उन्होने कहा कि महाराष्ट्र सरकार 49 से 58 रूपये प्रति किलो की दर पर भी आयातित प्याज खरीदने को तैयार नहीं है, जबकि मुंबई में छह जनवरी को प्याज की खुदरा कीमत 80 रूपये प्रति किलो थी। बता दंे कि देश में सबसे ज्यादा प्याज महाराष्ट्र के नासिक जिले में पैदा होती है।
‘आयातित प्याज के स्वाद पर सवाल उठाना ठीक नहीं’
आायातित प्याज के स्वाद पर उठ रहे सवाल पर उपभोक्ता मामलों के सचिव श्रीवास्तव ने कहा कि आयातित प्याज अभी उपभोक्ताओं के पास ठीक से पहुंचा भी नहीं है। ऐसे में इसके स्वाद को लेकर सवाल उठाना सही नहीं है। उन्होने कहा कि बाजार में अभी निजी आयातकों द्वारा मंगाई गई प्याज ही लोगों तक पहुंची है।
Created On :   7 Jan 2020 10:05 PM IST