महाराष्ट्र: विधानसभा में हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित, धक्का-मुक्की पर नाना की नसीहत

Maharashtra Uproar in Assembly, House proceedings adjourned
महाराष्ट्र: विधानसभा में हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित, धक्का-मुक्की पर नाना की नसीहत
महाराष्ट्र: विधानसभा में हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित, धक्का-मुक्की पर नाना की नसीहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को काफी हंगामा हुआ। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व सत्तारूढ़ शिवसेना के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसकी वजह से विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। अपने आक्रामक रुख को जारी रखते हुए भाजपा सदस्यों ने सामना की रिपोर्ट के साथ प्रिंटेड बैनर लेकर विधानसभा भवन तक मार्च किया और बेमौसम बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे किसानों को 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता की मांग की। अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को मुआवजा की मांग को लेकर मंगलवार को विपक्ष ने विधानसभा में जोरदार हंगामा किया। बैनर लहराए। हंगामें के बीच भाजपा व शिवसेना के सदस्यों ने धक्कामुक्की की। सभागृह में सदस्यों के इस व्यवहार पर विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने दोनों पक्ष को सख्त हिदायत दी है। घटनाक्रम नहीं दोहराने का कहा है। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि सभागृह में संयम बनाये रखने का ध्यान सभी सदस्यों को रखना होगा। बहरहाल इस घटना के बाद भाजपा व शिवसेना के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ सकती है। दोनों दल 30 साल तक साथ साथ रहे हैं। दो बार दोनों साथ साथ सत्ता में भी रहे हैं।
सोमवार को विनायक  सावरकर के मामले को लेकर हंगामें में विधानसभा की कार्यवाही 1 घंटा 21 मिनट ही चल पायी थी। मंगलवार को भी हंगामें में कामकाज 1 घंटा 6 मिनट ही चल पाया। ध्यानाकर्षण सूचना, राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा व नियम 293 के तहत किसानाें के मामले पर चर्चा कार्यक्रम तालिका में होने के बाद भी उन्हें चर्चा के लिए लंबित रखा गया।

मंगलवार सुबह 11 बजे विधानसभा का कामकाज शुरु हुआ। आरंभ में ही नेता प्रतिपक्ष फडणीस ने स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य में अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र के किसानों को प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपये का मुआवजा देने की मांग उद्धव ठाकरे ने की थी। अब वे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सत्ता में आने पर वे किसानों को सबसे पहले राहत दिलाएंगे। इसलिए उन्होंने तत्काल किसानों को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता देना चाहिए। फडणवीस ने निवेदन किया कि किसानों के लिए सहायता की घोषणा होने तक कामकाज रोक दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने स्थगन प्रस्ताव के निवेदन को खारिज कर दिया। तब भाजपा के सदस्य वेल में जाकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा सदस्य अभिमन्यु पवार व नारायण कुचे बैनर लहराने लगे। बैनर पर शिवसेना के समाचार पत्र सामना में प्रकाशित समाचार था। उस समाचार में ठाकरे का 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर सहायता संबंधी बयान था। विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को बैनर हटाने को कहा। लेकिन सदस्य बैनर लहरा रहे थे। तब मार्शल को बुलाया गया। उसी समय भाजपा के सदस्य बैनर लेकर मुख्यमंत्री ठाकरे के सामने चले गए। भाजपा सदस्यों का विरोध करते हुए शिवसेना के सदस्य उनकी ओर दौड़े। शिवसेना सदस्य संजय गायकवाड़ ने बैनर खींचने का प्रयास किया। दोनों पक्षों में धक्कामुक्की आरंभ हो गई। स्थिति को देखते हुए विधानसभा का कामकाज 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में तालिका सभापति यशोमति ठाकुर ने 10 मिनट के लिए सभा स्थगित की। बाद में हंगामा जारी रहा। सरकार की ओर से पेश 4 विधेयकों पर चर्चा की अनुमति ली गई। उसके बाद दिन भर के लिए सभा स्थगित कर दी।


विधानसभा अध्यक्ष की नसीहत, जो हुआ उसे न दोहराएं

विधानसभा में शिवसेना व भाजपा के सदस्यों में धक्कामुक्की पर विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने दोनों पक्षों की नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि सभागृह में जो भी हुआ है वह महाराष्ट्र की गरिमा के विरुद्ध है। सत्तापक्ष व विपक्ष के सदस्यों को ध्यान रखना होगा कि इस तरह के व्यवहार क पुनरावृत्ति न हो। मंगलवार को सभागृह में कामकाज शुरु होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने बैनर लहराने को लेकर धक्कामुक्की हुई। विधानसभा को पहले 30 मिनट व बाद में 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। विधानसभा अध्यक्ष ने समझाइस देते हुए कहा-आज सभागृह में जो हुआ वह अनुचित है। शोभनीय नहीं है। सभागृह अध्यक्ष के सामने फलक लेकर जाना और हंगामा करना ठीक नहीं है। सभी सदस्यों से कहता हूं कि जो हुआ वह दोबारा न हो। सत्ता पक्ष व विरोधी पक्ष को अपनी अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन एक दूसरे को धक्का देना ठीक नहीं है। फिर से ऐसा न हो यह ध्यान रखे। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सभागृह के वेल में सदस्यों का आना नियमित बात है। लेकिन वेल में भी संयम बरतना चाहिए। विपक्ष ध्यान रखेगा कि सभागृह की प्रथा परंपरा को नहीं भूलेंगे। लेकिन सत्तापक्ष को भी नियमों के पालन का ध्यान रखना होगा।

पटोले व मुनगंटीवार में संवाद


विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों को शांत कराने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले व भाजपा सदस्य सुधीर मुनगंटीवार के बीच चुटीला संवाद हुआ। किसानों को राहत देने के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्य हंगामा कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष ने मुनगंटीवार को इसी मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी थी। हंगामें में मुनगंटीवार अपनी बात नहीं रख पा रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे कहा कि पहले विपक्ष के सहयोगियों को शांत कराए। उनको बैठने को कहें। तब मुनगंटीवार ने कहा कि सदस्यों का बैठने को कहने का अधिकार उनका नहीं है। यह कहने के लिए उनकाे अध्यक्ष के आसन पर बैठना पड़ेगा। तब पटोले ने कहा- तो मैं कार्रवाई कराकर सबको शांत करा देता हूं। हंगामा जारी रहा। हंगामा शांत नहीं होने पर पटोले ने आखिरकार सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

राज्य सरकार ने केंद्र से मांगे 14600 करोड़

किसानों को राहत की उपाययोजना के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 14600 करोड़ रुपये की मांग की है। फिलहाल केंद्र ने राज्य को निधि मंजूर नहीं की है। वित्तमंत्री जयंत पाटील ने विधानसभा में जानकारी दी। अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामें के जवाब में वित्तमंत्री ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा-महाविकास आघाड़ी सरकार ने सबसे पहले किसानों को राहत देने के लिए काम की शुरुआत की है। 6600 करोड़ रुपये राज्य में किसानों के लिए वितरित कर दिए गए हैं। इनमें 2100 करोड़ रुपये जिलाधिकारी के माध्यम से वितरित किए गए हैं। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर मुआवजा देने की शुरुआत कर दी है। केंद्र सरकार की सहायता का इंतजार किया जा रहा है। किसानों को मुआवजा देने की मांग के साथ सभागृह में हंगामा करनेवाले विपक्ष ने केंद्र से निधि दिलाने के लिए राज्य सरकार को सहयोग देना चाहिए। वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में अतिवृष्टि के कारण अगस्त, सितंबर व अक्टूबर में नुकसान हुआ। उस समय जो लोग राज्य की सत्ता में थे वे केंद्र से सहायता निधि की मांग कर रहे थे। तब की राज्य सरकार का किसी न हाथ बांधकर नहीं रखा था। लेकिन उन्होंने किसानों को राहत नहीं दिलायी। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़णवीस ने कहा है  सरकार अपने ही वादे को पूरा नहीं कर पा रही है। किसानों को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिलाने की मांग उद्धव ठाकरे ने शिवसेना प्रमुख के तौर पर की थी। अब वे मुख्यमंत्री हैं। फडणवीस ने तत्काल मुआवजा घोषित करने की मांग की है। 
 

Created On :   17 Dec 2019 9:02 AM GMT

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