मकर संक्रांति हो सकती है फीकी, मौसम का असर कर सकता है प्रभावित

Makar Sankranti may fade, weather effects can affect
मकर संक्रांति हो सकती है फीकी, मौसम का असर कर सकता है प्रभावित
मकर संक्रांति हो सकती है फीकी, मौसम का असर कर सकता है प्रभावित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले सप्ताह से उलट-पुलट हो रहा मौसम अब कुछ कंफ्यूज नजर आ रहा है। अगले सप्ताह पारे में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि हवा की दिशा में बार-बार बदलाव हो रहा है। इससे रात का पारा कभी ऊपर तो कभी नीचे की ओर चलेगा। अनुमान है कि अगले सप्ताह न्यूनतम तापमान गुरुवार के स्तर से 2 से 3 डिग्री ऊपर और नीचे होगा। ठंड बनी रहेगी। हालांकि विंड चिल्ड फैक्टर का असर खत्म होगा।

उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर के बाद से ही शहर विंड चिल्ड फैक्टर के प्रभाव में था।   मौसम विज्ञानियों के अनुसार, हवा की दिशा में तेजी से बदलाव हो रहा है। इसके चलते तापमान में उतार चढ़ाव आ रहा है। कभी हवा की दिशा पश्चिमी होती है, तो कभी पूर्वी या उत्तर पूर्वी। सामान्यत: हवा की दिशा उत्तरीय होने पर ही विदर्भ में ठंड का प्रवेश होता है। ऊपरी स्तर तथा निचले स्तर पर भी हवा में तालमेल नहीं है।

यह हैं कारण
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, विपरीत चक्र व चक्रवाती चक्रों के सक्रिय होने, पश्चिमी विक्षोभ के नीचे उतरने के कारण नमी का रिसाव बनता है। इसके अलावा पूर्व-पश्चिम द्रोणिका के सक्रिय होने से नमी प्रवेश करती है।  ऊपरी स्तर पर दबाव की कमी के चलते यह वर्ष में भी सक्रिय हो जाती है। 

मार्च के बाद ही पारगमन
मौसम जानकारों के अनुसार, इस वर्ष ठंड का असर अधिक समय तक रहेगा। हालांकि तापमान के बहुत नीचे जाने के आसार नहीं हैं, लेकिन सर्दी का मौसम इस बार मार्च अंत तक बना रह सकता है। उनका मानना है कि वैश्विक स्तर पर जलवायु में परिवर्तन आया है। इस वर्ष गर्मी का मौसम भी लंबा रहा और अंत में ही तापमान 47 डिग्री के आस-पास पहुंचा। वर्षा ने भी जुलाई अंत में रफ्तार पकड़ी, जबकि मानसून 22 जून को ही घोषित हो गया था। इसी प्रकार ठंड ने भी धीमी रफ्तार से प्रवेश किया है। शहर में तो ठंड का असर ही इस साल 1 जनवरी के बाद कुछ जोर पकड़ा है। इससे अनुमान यही है कि ठंड मार्च तक विस्तार करेगी। इसके बाद ही पारगमन शुरू होगा।

संक्रांति में गायब रहेगी बयार
मकर संक्राति यानि सूर्य का उत्तरायण होना। इस पर्व पर पतंग उड़ाने का रिवाज है। मौसम जानकारों की मानें तो इस साल पतंगबाजों को निराशा हो सकती है। अनुमान है कि 14-15 जनवरी को हवा के झोंके मंद गति से चलेंगे। हिमालय की वादियों में एक पश्चिमी विक्षोभ आकार ले रहा है। इसके कल तक पूर्ण विकसित होने के आसार हैं। विपरीत चक्र का निर्माण भी 13 जनवरी तक राजस्थान पर बनने के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ के नीचे उतरने तथा पूर्व ही हवा से मिलने के कारण हवा की गति मंद पड़ेगी। इससे बयारें मंद-मंद ही बहने के आसार हैं। 

मौसम में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को सुबह हवा में ठंडक समाई हुई थी। दिन के पारे में 5 डिग्री से अधिक का उछाल दर्ज हुआ है। इससे दोपहर आते-आते धूप की चुभन लोगों को परेशान करने लगी। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को अधिकतम तापमान बुधवार की अपेक्षा 5.3 डिग्री की बढ़त के साथ 25.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री नीचे रहा। रात का तापमान स्थित बना रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से सामान्य से 3 डिग्री ऊपर 15.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री ऊपर रहा। आर्द्रता सुबह 95 प्रतिशत तक बढ़ी हुई थी। इसके चलते ही ठंड का अहसास अधिक था, जो दोपहर बाद घटकर 67 प्रतिशत ही रही। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को दोनों तापमान सामान्य के आस-पास नजर आ सकते हैं। न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज हो सकती है, जबकि दिन का पारा कुछ और ऊपर जा सकता है। 

 

Created On :   10 Jan 2020 10:21 AM GMT

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