हाथ में 'टैटू' बनवाना पड़ा महंगा, नहीं मिली नौकरी

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हाथ में 'टैटू' बनवाना पड़ा महंगा, नहीं मिली नौकरी
हाथ में 'टैटू' बनवाना पड़ा महंगा, नहीं मिली नौकरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक युवक को हाथ में टैटू करवाना इसलिए महंगा पड़ रहा है क्योंकि उसे नौकरी नहीं मिली। युवक ने इस संदर्भ में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बाॅम्बे हाईकोर्ट ने सीआईएसएफ को टैटू को लेकर उसकी नीति को स्पष्ट करने को कहा है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश श्रीकांत पखारे नामक युवक की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। पखारे के दाहिने हाथ में ओम का टैटू होने के चलते उसे नौकरी के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया गया है।

सीआईएसएफ के इस निर्णय के खिलाफ पखारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में पखारे ने कहा है कि उसने पिछले साल सीआईएसफ में ड्राइवर पद के लिए नौकरी के लिए आवेदन किया था। उसका इस पद के लिए चयन हो गया है। लेकिन जब वह मेडिकल परीक्षण के लिए गया तो हाथ में टैटू होने के चलते उसे पद के लिए आयोग्य ठहरा दिया गया। याचिका में पखारे ने कहा है कि वह टैटू मिटाने का मेडिकल ट्रीटमेंट ले रहा है। जिसमें उसे सफलता मिली है। इलाज के चलते टैटू का काफी हिस्सा खत्म हो गया है। थोड़े दिनों में सारा टैटू खत्म हो जाएगा। इसलिए उसे नौकरी प्रदान की जाए। ्यायमूर्ति नरेश पाटील की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में उल्लेखित तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने सीआईएसएफ को टैटू को लेकर उसकी नीति को स्पष्ट करने को कहा और मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।

Created On :   15 Sept 2017 3:35 PM IST

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