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आस्था और शिवा के बीच एक लव स्टोरी है ‘मलाल’, 5 जुलाई को होगी रिलीज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आस्था और शिवा के बीच एक लव स्टोरी है ‘मलाल, जो 5 जुलाई को रिलीज होने जा रही है। इससे पहले फिल्म के एक्टर संतरा नगरी पहुंचे। जहां फिल्म ‘मलाल’ के अभिनेता और जावेद जाफरी के बेटे मीजान ने अपने अनुभाव सांझे किए। उन्होंने बताया कि शर्मिन मेरी कॉलेज फ्रेंड है। जब वो संजय लीला भंसाली को फिल्म ‘बाजीराव’ में असिस्ट कर रही थी तब अचानक उससे मेरी मुलाकात हुई। उस दौरान उसने कहा कि रणवीर का कॉस्ट्यूम ट्राय करना है, तो मैं सेट पर जा पहुंचा। वहीं मेरी पहचान संजय लीला भंसाली से हुई और उन्होंने मुझे देखते ही कहा कि "तुम स्टार बनोगे'। मैं आपको लांच कराउंगा। तबसे मैंने ठान लिया कि मुझे एक्टर बनना है। वे अपनी टीम के साथ फिल्म के सिलसिले में आए थे। फिल्म संजय लीला भंसाली प्रोडक्शन की है। फिल्म के मुख्य किरदार में मीजान और संजय लीला भंसाली की भांजी शर्मिन सहगल हैं। पटकथा और निर्देशन मंगेश हाडावले का है। संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, महावीर जैन और कृष्ण कुमार इसके निर्माता हैं। फिल्म 5 जुलाई को रिलीज होगी।
कैरेक्टर में जाने के लिए चाल में घूमना पड़ा
फिल्म की कहानी के बारे में मीजान और शर्मिन ने बताया कि ‘मलाल’ आस्था और शिवा के बीच एक लव स्टोरी है। दोनों की पृष्ठभूमि एक-दूसरे से काफी अलग है और ये दोनों ही मुंबई के एक चॉल में रहते हैं। मिजान ने फिल्म में मराठी लड़के का किरदार निभाया है। किसी कैरेक्टर को आप तभी अच्छी तरह प्ले कर सकते हैं, जब आप उसे गहराई से जानें। इसके लिए मैं हर रोज मुंबई की चाल में जाता था और वहां का कल्चर देखता था। शिवा मोरे बनने के लिए मुझे मुंबई की चाल में घूमना पड़ा। शूटिंग के समय कैरेक्टर को प्ले करने के लिए मैंने अपनी लाइफ स्टाइल को भी चेंज किया। शर्मिन ने बताया कि उन्होंने असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में तीन साल काम किया है, लेकिन जब एज एक्टर परफॉर्म करना हो तो अपने दिमाग को खाली करना पड़ता है। यानी कि पूरा समय एक कैरेक्टर को प्ले करना होता है। अभी तक परदे के पीछे काम किया है अब परदे के सामने मुख्य किरदार में हूं।
मीजान के कहा मेरे पिता जावेद जाफरी इसी इंडस्ट्री से ताल्लुक रखते हैं और मेरे दादाजी जगदीप भी इसी इंडस्ट्री से थे। इन दोनों से मैंने बहुत कुछ सीखा है। जगदीप और जावेद जाफरी के घर पैदा होना मेरे लिए गर्व की बात है। नेपोटिज्म कोई नेगेटिव वर्ड नहीं है। बल्कि वो हर फील्ड में होता है। पता नहीं लोग इंडस्ट्री में इसे नेगेटिव तरीके से क्यों देखते हैं। आज पिताजी और दादाजी की वजह से मुझे पहचान मिली है, लेकिन अपने आप को साबित करने का काम मुझे ही करना है। मुझे म्यूजिक और स्पोर्ट्स में इंट्रेस्ट है। मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे पहली ही फिल्म में लीड रोल मिला है। फिल्म में मैं रोमांटिक हीरो का टैग लेकर आ रहा हंू। मैंने दादाजी और पिताजी से हटकर एक अलग स्टाइल ढूंढ़ा है। इस बात की मुझे खुशी है।
Created On :   27 Jun 2019 10:20 PM IST