मालेगांव बम धमाका मामला : धमाके के चार आरोपियों को मिली जमानत

Malegaon bomb blast case : Hearing on Motorcycle in High court
मालेगांव बम धमाका मामला : धमाके के चार आरोपियों को मिली जमानत
मालेगांव बम धमाका मामला : धमाके के चार आरोपियों को मिली जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने साल 2006 में हुए मालेगांव बम धमाके के चार आरोपियों को जमानत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्यटया हमारे सामने ऐसा कोई तथ्य नहीं दिख रहा है जिसके आधार पर आरोपी पर लगाए गए आरोपों को सही माना जाए। इससे पहले जांच एजेंसी की ओर से मामले को लेकर इकट्ठा किए गए सबूतों में काफी अनियमितता पायी गई थी जिसके आधार पर शुरुआत में इस प्रकरण में गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों को मामले से बरी कर दिया गया था। इस बात को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति इंद्रजीत मंहती व न्यायमूर्ति एएम बदर की खंडपीठ ने यह बात कहते हुए मालेगांव धणाके के मामले में आरोपी धान सिंह,लोकेश शर्मा,मनोहर नारवारिया, व राजेंद्र चौधरी को जमानत प्रदान कर दी। 

खंडपीठ ने चारों आरोपियों को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की है। खंडपीठ ने कहा कि चारो आरोपी मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहे और मामले से जुड़े सबूत के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड न करे। चारों आरोपियों को साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था। तब से ये आरोपी जेल में थे। निचली अदालत ने चारों आरिपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया था। लिहाजा साल 2016 में चारों आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील की थी। गौरतलब है कि 8 सितंबर 2006 को मालेगांव में कब्रिस्तान के निकट स्थित हामिदा मस्जिद के पास धमाका हुआ था। इस धमाके में 31 लोग मारे गए छे जबकि 100 लोग घायल हुए थे। 

मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल जांच एजेंसी ने हमारे से सामने ऐसा कोई तर्कसंगत आधार नहीं पेश किया है जिसके आधार पर मामले से जुड़े आरोपियों पर लगाए गए आरोपों को सही माना जाए। इसलिए आरोपियों को जमानत प्रदान की जाती है। शुरुआत में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मामले की जांच की थी। जिसने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौपी गई। कुछ समय बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को जांच का जिम्मा सौपा गया। एनआईए ने एटीस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर लगे आरोपों को आधारहीन माना जिसके बाद कोर्ट ने नौ आरोपियों को बरी कर दिया। एनआईए ने जांच के बाद धान सिंह,लोकेश शर्मा,मनोहर नारवारिया, व राजेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया। जिन्हें शुक्रवार को हाईकोर्ट ने जमानत प्रदान की है। 

आरटीओ अधिकारी कीएनआईए की विशेष अदालत में गवाही

मालेगांव बम धमाके के मामले में शुक्रवार को एक आरटीओ अधिकारी की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में गवाही हुई। अधिकारी ने न्यायाधीश विनोद पडालकर के सामने कहा कि उसने घटना स्थल पर मिली मोटर साइकिल के दस पुर्जों के नंबर को प्रयोगशाला में जाकर देखा था। पुर्जो पर लिखे गए नंबरों की जानकारी भी प्रयोगशाला के अधिकारी को दी थी। पुर्जो पर लिखे नंबर के आधार पर वाहन के मालिक का पता लगाया जा सकता है। हालांकि बचाव पक्ष के वकील द्वारा की गई जिरह के दौरान एक सवाल के जवाब में आरटीओ अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल से मिली मोटर साइकिल से जो पुर्जे निकाले गए थे उसमें इंजिन व चेचिस नहीं शामिल थे। उसने मोटरसाइकिल के जिन दस पार्ट के नंबर देखे थे उसमे इंजिन व चेचिस शामिल नहीं थी। बता दें कि जांच एजेंसी ने इस मोटरसायकिल को इस मामले की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर का बताया है।

एनआईए कोर्ट में रोजाना इस मामले की सुनवाई चल रही है। मालेगांव बम धमाक के मामले में भोपाल से नवनिर्विचित सांसद व साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। मामले से जुड़े सभी आरोपी जामनत पर है। सितंबर 2008 में हुए इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि सौ लोग घायल हो गए थे।  

Created On :   14 Jun 2019 3:11 PM GMT

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