मनपा सख्त : डॉक्टर लिखकर दें नहीं करेंगे निजी प्रैक्टिस

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
मनपा सख्त : डॉक्टर लिखकर दें नहीं करेंगे निजी प्रैक्टिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका के अस्पतालों में ज्यादातर समय डॉक्टर अनुपस्थित रहते हैं। बताया जाता है कि उनमें से कई निजी प्रैक्टिस करते हैं। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 100 रुपए के स्टैंप पेपर पर लिख कर मांगा गया है कि वह निजी तौर पर चिकित्सा सेवा नहीं देंगे।  हैरत यह है कि 27 डॉक्टरों ने लिखित में दिया कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करेंगे, बावजूद इसके वे खुद के बड़े-बड़े अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। बहरहाल, इसका खुलासा तो जांच में ही हो पाएगा, लेकिन कड़ाई से नियम पालन होने पर ही ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसी जा सकती है।

उपसंचालक ने शपथ पत्र लिख कर मांगा था
मनपा की उपसंचालक भावना सोनकुसले ने सभी स्थायी चिकित्सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेंटर को पत्र लिखकर कहा कि वर्ष 2012 में सरकार के अनुसार, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सा अधिकारियों को 6वें वेतन आयोग के अनुसार मूल वेतन के अलावा 35 फीसदी प्राइवेट प्रैक्टिस अलाउंस मंजूर करने का निर्णय लिया था। इसे मनपा की स्थायी समिति में 2015 में मंजूरी दे दी गई थी और वर्ष 2016 में उसे लागू कर दिया गया है। उक्त नियम का पालन करना मनपा के सभी स्थायी चिकित्सा अधिकारियों के लिए बंधनकारक है। यदि कोई डॉक्टर अपना स्वतंत्र निजी मेडिकल व्यवसाय करता है तो उसे तत्काल बंद करे अौर 100 रुपए के स्टैंप पर लिखकर विभाग को प्रस्तुत करे। साथ ही हर माह प्रतिज्ञा-पत्र प्रस्तुत करे कि वह  निजी सेवा नहीं देता है। 

अस्पतालों में नहीं मिलते हैं डॉक्टर
मनपा के अस्पतालों के बाह्य रोग विभाग (ओपीडी) में बैठने वाले डॉक्टरों में से ज्यादातर समय पर अनुपस्थित रहते हैं। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि शहर में ज्यादातर डॉक्टरों के या तो निजी अस्पताल हैं या फिर वह प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। कई बार चेतावनी देने के बाद भी जब डॉक्टर नहीं माने तो उनसे स्टैंप पर लिखकर मांगना पड़ा।

Created On :   13 Jan 2020 8:19 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story