सिया-राम के चरणों में मन लगाने से सफल होता है मनुष्य जन्म- रामकृष्णाचार्य

डिजिटल डेस्क, वर्धा. श्री रामानुजा संप्रदाय के वैष्णव आचार्य श्री रामकृष्णाचार्य ने कहा कि सियाराम के चरणों में मन लगाने से मनुष्य का जन्म सफल हो जाता है। वे वंजारी चौक स्थित अग्रसेन भवन में जारी रामकथा में प्रवचन के दौरान बोल रहे थे। रामकथा में श्री रामकृष्णाचार्य ने आगे कहा कि आज के दौर में जहां भाई-भाई की नहीं बनती, पुत्र पिता का आपसी सामंजस्य बहुत कम दिखाई पड़ता है, वहीं युवराज पद की घोषणा किए जाने पर भी जब श्रीराम को यह कहा गया कि उन्हें चौदह वर्षों के लिए वन जाना होगा तथा भरत को युवराज पद मिलेगा तब श्रीराम ने खिन्न न होकर धर्म परायणता का परिचय देते हुए माता-पिता के निर्णय को उचित माना, इससे हम सब को सीख मिलती है कि हमारे समाज में भी आपसी मेलमिलाप, परस्पर स्नेह होना चाहिए। नगर की प्रजा प्रभु के वनगमन पर दुखी होती है तब प्रभु उन्हें समझाते है कि प्रजा जैसे प्रेम राम से करती है वैसे ही प्रेम श्री भरत से भी करें। प्रभु श्रीराम ने भाई भरत को जिस राज धर्म की शिक्षा दी वह आज भी पूर्ण रूप से प्रासंगिक है।
उन्होंने आगे कहा कि रामायण केवल एक ग्रंथ न होते हुए संपूर्ण मानव जाति को जीवन का मूल्य समझाने वाला साक्षात नीति ग्रंथ है।जिसने मनुष्य जन्म लेकर भी यदि प्रभुचरणों में प्रीति न की हो वह दो पैरों वाले पशु के समान ही है।यह संसार सागर पार करने के लिए मनुष्य देह भगवान द्वारा प्रदान की गयी नाव के समान है जिसे पार करने के लिए आचार्य पतवार के जैसे ही होते हैं। कथा में जनक का राम और भरत से संवाद, ऋषि वशिष्ठ के राम और भरत के प्रति विचार प्रकट करना, भारत को प्रदान की जाने वाली राजधर्म की शिक्षा जैसे मार्मिक, हृदय स्पर्शी प्रसंगों का विस्तृत व्याख्यान हुआ। श्री राम कथा में सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।
Created On :   8 Feb 2023 7:55 PM IST