एग्जाम शुरू होने के बाद मिला प्रवेश-पत्र, कई स्टूडेंट्स एग्जाम से चूके

many students missed exams due to delay in hall entrance ticket
एग्जाम शुरू होने के बाद मिला प्रवेश-पत्र, कई स्टूडेंट्स एग्जाम से चूके
एग्जाम शुरू होने के बाद मिला प्रवेश-पत्र, कई स्टूडेंट्स एग्जाम से चूके

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के अभियांत्रिकी शाखा की परीक्षा के पहले दिन परीक्षा विभाग का अजब कार्यप्रणाली सामने आई। ढाई बजे का पेपर था और सिर्फ एनरॉलमेंट नंबर नहीं होने का कारण बताकर प्रवेश पत्र देने से रोक दिया गया। सीनेट व व्यवस्थापन परिषद सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद पेपर शुरू होने के बाद प्रवेश पत्र विद्यार्थियों को दिए गए। इस मामले से कुछ विद्यार्थी परीक्षा से वंचित रहने की खबर है। 

भंडारा जिले के पांडव अभियांत्रिकी महाविद्यालय के पांचवें सेमिस्टर में 50 से 60 विद्यार्थियों का ‘एनरॉलमेंट क्लीयर’ नहीं होने से उनके प्रवेश-पत्र रोकने के आदेश परीक्षा व मूल्यांकन मंडल ने दिए। सोमवार को दोपहर ढाई बजे विद्यार्थियों का पेपर था। हालांकि इस मामले में गलती किसकी है, यह समझ में नहीं आया, लेकिन विद्यार्थियों को इसका नुकसान उठाना पड़ा। दोपहर 1.45 बजे पूर्व सीनेट सदस्य महेंद्र निंबार्ते ने सोशल मीडिया के जरीए यह मामला सामने लाया।

प्रवेश पत्र नहीं मिलने से 50 से 60 विद्यार्थी केंद्र के बाहर खड़े होने की जानकारी मिली। विद्यापीठ से इस मामले में कार्रवाई कर विद्यार्थियों को न्याय देने की मांग की। विद्यापीठ के व्यवस्थापन परिषद के सदस्य विष्णु चांगदे और सीनेट सदस्य एड. मनमोहन वाजपेयी ने कुलगुरु डॉ. एस. काणे और संबंधित अधिकारियों से संपर्क साधा। इस दौरान प्रशासन के सामने विद्यार्थियों की व्यथा रखी। विद्यापीठ प्रशासन ने आनन-फानन में कार्रवाई कर विद्यार्थियों को साढ़े तीन बजे प्रवेश दिया। हालांकि तब तक एक घंटा निकल चुका था। जिस कारण कुछ विद्यार्थी केंद्र से निकल चुके थे। सदस्यों की तत्परता से कुछ विद्यार्थियों को राहत मिली, लेकिन यह कार्रवाई पहले होना अपेक्षित था। इस विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया।

नतीजे रोके जा सकते थे
एनरॉलमेंट नहीं होने से विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र रोके गए, यह निंदनीय है। उनके नतीजे रोके जा सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिस कारण विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। 
- महेंद्र निंबार्ते, पूर्व सीनेट सदस्य 

Created On :   9 April 2019 4:18 PM IST

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