कर्मचारियों को कब मिलेगा मेडिक्लेम का डेढ़ करोड़ से ज्यादा बकाया, छूट रहे पसीने  

Medi claim money to employees not received this year, one and half crore Outstanding
कर्मचारियों को कब मिलेगा मेडिक्लेम का डेढ़ करोड़ से ज्यादा बकाया, छूट रहे पसीने  
कर्मचारियों को कब मिलेगा मेडिक्लेम का डेढ़ करोड़ से ज्यादा बकाया, छूट रहे पसीने  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कर्मचारी अपने खून-पसीने की कमाई का कुछ हिस्सा राज्य कर्मचारी बीमा निगम में जमा करता है, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे निगम से मेडिकल खर्च का भुगतान कर सके। कर्मचारी के वेतन से हर महीने तय राशि तो काटी जा रही है, लेकिन एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों को पिछले एक साल से ज्यादा मेडिक्लेम का भुगतान नहीं हो सका है। कर्मचारियों के जेब से गए डेढ़ करोड़ कब वापस होंगे, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। कर्मचारी वैद्यकीय प्रशासन अधिकारी कार्यालय में चक्कर काट काटकर परेशान हो गए हैं।

निजी कंपनियों में काम करने वाले असगंठित कर्मचारियों का हर महीने वेतन से वैद्यकीय सेवा के नाम पर तय राशि काटी जाती है। यह राशि राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी) में जमा होती है। इसके बदले में ईएसआईसी की तरफ से कर्मचारी व उसके परिजनों को वैद्यकीय सेवा दी जाती है। नागपुर में ईएसआईसी की 12 डिस्पेंसरी और एक अस्पताल है। आपात स्थिति में निजी अस्पताल में इलाज करने पर मेडिकल क्लेम का बिल संबंधित डिस्पेंसरी में जमा करना पड़ता है।

डिस्पेंसरी यह बिल पास करके इमामवाडा स्थित वैद्यकीय प्रशासन अधिकारी कार्यालय भेजता है। संवेदनहीन हो चुके इस कार्यालय में कर्मचारी एक साल से ज्यादा समय से मेडिकल क्लेम की राशि के लिए चक्कर लगा रहे हैं। कार्यालय का एक ही जवाब होता है कि सरकार से ग्रेंट नहीं आई। संबंधित कर्मचारियों को मेडिकल क्लेम का भुगतान कब तक हो सकेगा, इसका जवाब भी कार्यालय की तरफ से नहीं दिया जाता।

केस-1
राधा शुक्ला 18 हजार रुपए के मेडिकल क्लेम के लिए पिछले ग्यारह महीने से कार्यालय के चक्कर काट रही है। कार्यालय से हर बार आश्वासन की खुराक दी जा रही है। स्थानीय अधिकारी आयुक्तालय पर जिम्मेदारी ढकेल रहे हैं। श्रीमती शुक्ला का कहना है कि विभाग ने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।

केस-2
नितीन पाटील साड़े सात हजार के मेडिकल क्लेम के लिए पिछले 17 महीने से कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। नितीन ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की, लेकिन अभी भी आश्वासन ही मिल रहे है। कामकाज में कोई तेजी नहीं आई है।

आयुक्तालय पर मढ़ दिया सारा दोष 
एम. एन. कांबले, प्रशासनिक अधिकारी, वैद्यकीय प्रशासन का कहना है कि पिछले चार महीने से राज्य कर्मचारी बीमा आयुक्तालय मंुबई से ग्रैंट नहीं आई है। उसके पूर्व जितनी ग्रैंट आई, उसमें सभी कर्मचारियों को भुगतान करना संभव नहीं है। कर्मचारियों का क्लेम बढ़ते-बढ़ते डेढ़ करोड़ के पार हो गया है। हर महीने आयुक्तालय को रिपोर्ट भेजी जाती है। पत्र लिखकर मेडिक्लेम मांगा जाता है। सरकार से ग्रैंट नहीं मिलने से भुगतान नहीं करने का जवाब आयुक्तालय से मिलता है। शहर के 12 डिस्पेंसरी से बिल कार्यालय पहुंचे और जरूरी प्रक्रिया कर इसे आयुक्तालय भेजा गया है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा की निधी की तुरंत जरूरत है। निधि कब तक मिलेगी, इसका जवाब नहीं दे सकते।

 

Created On :   14 Dec 2018 9:43 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story