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मेडिकल में भाड़ा घोटाला, दो बाबू पचा गए 62000 रुपए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना के बाबू तीन महीने से अधिष्ठाता व मेडिकल प्रशासन को हिसाब नहीं दे रहे हैं। एक बाबू पर 46 हजार और दूसरे पर 16 हजार रुपए का हिसाब बकाया है। यह पैसा योजना अंतर्गत लाभार्थी मरीजों को घर जाने का किराया देने के लिए दिया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना अंतर्गत डिस्चार्ज होने वाले लाभार्थी मरीजों को घर जाने का किराया देने का प्रावधान है। मेडिकल प्रशासन द्वारा उन्हें 50 रुपए दिए जाते हैं। इसके लिए अलग से निधि रखी जाती है। लाभार्थी को किराया देने के लिए संबंधित बाबूओं को हर महीने 20 हजार रुपए का चेक दिया जाता है। बाबू द्वारा यह राशि बैंक से निकासी कर मरीजों को वितरण की जाती है। इसका बिल और अन्य हिसाब-किताब अधिष्ठाता व मेडिकल प्रशासन को सौंपना पड़ता है। पिछले तीन महीने से इसका हिसाब-किताब नहीं दिया गया है। बताया गया कि मेडिकल में एक बाबू ने तीन महीने से 45,930 रुपए का हिसाब नहीं दिया है। वहीं सुपर स्पेशलिटी के बाबू ने 16 हजार का हिसाब नहीं दिया है। कुल मिलाकर 62000 रुपए 1240 लोगों को वितरित करनी थी। यह राशि कहां गई, इसका पता हिसाब मिलने के बाद ही चल सकेगा।
हिसाब देने में कर रहे आनाकानी
मेडिकल प्रशासन ने दोनों बाबूओं से कई बार हिसाब मांगा, लेकिन वे टालते जा रहे हैं। योजना के संबंध में खबर प्रकाशित हाेने के बाद अधिष्ठाता ने स्वयं दखल लेते हुए गुरुवार को संबंधित अधिकारी को अपने कक्ष में बुलाकर जवाब-तलब किया। तब अधिकारी ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी के बाबू को एक महीना पहले पत्र देकर हिसाब मांगा गया है, लेकिन वह हिसाब देने में आनाकानी कर रहा है। यही हाल मेडिकल के बाबू का भी है।
रोका जा सकता है वेतन
मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता ने अधिकारी को आदेश देते हुए दोनों को पत्र देकर हिसाब मांगने को कहा है। अधिष्ठाता ने स्पष्ट किया कि यदि दो दिन में हिसाब नहीं मिला तो विशेषाधिकार के तहत वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   3 Dec 2021 1:53 PM IST