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अमित देशमुख ने कहा - मुंबई यूनिवर्सिटी में बन कर रहेगा हिंदीभवन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विश्वविद्यालय में प्रस्तावित हिंदी भवन के निर्माण को लेकर एक बार सुगबुगाहट शुरु हुई है। बुधवार को राज्य के सांस्कृतिक मंत्री अमित देशमुख ने इसको लेकर मंत्रालय में बैठक की। इस दौरान सांस्कृतिक विभाग के अधिकारियों के अलावा मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप, प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष व पूर्व मंत्री नसीम खान, मुंबई युवक कांग्रेस के कार्याध्यक्ष सुरज सिंह ठाकुर, मुंबई विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ.करुणा शंकर उपाध्याय व मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के अध्यक्ष आदित्य दुबे मौजूद आदि थे।
मंत्री देशमुख ने बताया कि पिछली कांग्रेस-राकांपा सरकार के दौरान तत्कालिन पालक मंत्री नसीम खान के प्रयासों से मुंबई विश्वविद्यालय के कालिना परिसर में हिंदी भवन के लिए भूमिपूजन हुआ था लेकिन उसके बाद सरकार बदल जाने के कारण हिंदी भवन का निर्माण कार्य अधर में अटक गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हिंदी भवन का निर्माण अवश्य होगा। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष श्री जगताप ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र के हिंदीभाषी समाज से हिंदी भवन बनाने का वादा किया है, इस वादे को जरुर पूरा किया जाएगा। निधि की कोई कमी नहीं पड़ने दी जाएगी। बैठक के बाद श्री खान ने मंत्रालय पत्रकार कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मंत्री श्री देशमुख ने आश्वासन दिया है कि हिंदी भवन जरुर बनेगा। इसको लेकर जल्द ही एक और बैठक बुलाई जाएगी जिसमें राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री उदय सामंत भी मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि राज्य की पिछली कांग्रेस-राकांपा सरकार के दौरान मुंबई विश्वविद्यालय के कालिना परिसर में तत्कालिन उद्योग मंत्री नारायण राणे के हाथों डॉ राममनोहर त्रिपाठी हिंदी भवन की आधारशिला रखी गई थी। इसके लिए जिला नियोजन समिति (डीपीडीसी) के माध्यम से इसके लिए 2 करोड़ रुपए भी दिए गए थे लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदली और हिंदी भवन का निर्माण कार्य ठप पड़ गया।
हिंदी-गुजराती साहित्य अकादमी की निधि हुई एक करोड़
पूर्व मंत्री नसीम खान ने बताया कि हमारी मांग पर सांस्कृतिक मंत्री अमित देशमुख ने हिंदी साहित्य अकादमी की निधि 20 लाख से बढ़ा कर एक करोड़ करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि गुजराती साहित्य अकादमी की निधि भी 20 लाख से बढ़ा कर एक करोड़ रुपए की जाएगी। खान ने कहा कि इस मंहगाई के दौर में 20 लाख रुपए का सालाना बजट बहुत कम था। इस लिए इस निधि को बढ़ाने की जरुरत थी।
Created On :   17 Nov 2021 6:02 PM IST