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मेमोरी पॉवर टिप्स ने कम किया एग्जाम फीवर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एग्जाम का टाइम होने से बच्चों के सिर पर एग्जाम फीवर है। पैरेन्ट्स का भी पूरा कॉन्सनट्रेशन बच्चों की पढ़ाई पर है। आजकल कॉम्पिटिशन हर क्षेत्र में बढ़ गया है। ऐसे में हर पैरेन्ट्स की इच्छा होती है कि, उनका बच्चा सबसे आगे आए। सुधीर एंड स्मृति फाउंडेशन की ओर से नि:शुल्क "मेमोरी पॉवर सेमिनार' का आयोजन चिटणवीस सेंटर में किया गया। सेमिनार में इंडियन ट्रेनर्स एसोसिएशन की सदस्य और लाइफ मैनेजमेंट कोच स्मृति परमार ने बच्चों और पैरेन्ट्स का मार्गदर्शन किया। आयोजन में ‘दैनिक भास्कर’ मीडिया पार्टनर था। "मेमोरी पॉवर सेमिनार' में स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को एग्जाम की टेंशन से मुक्त होने के टिप्स दिए गए। मेमोरी पॉवर सेमिनार में छोटे-छोटे उदाहरण के साथ ही मजेदार बातें कर बच्चों को एग्जाम की टेंशन से छुटकारा पाने की बात बताई गई। पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से एग्जाम फीवर को दूर करने के उपाय बताए गए। सेमिनार के प्रारंभ में उन्हाेंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण दिया। स्वामी विवेकानंद की तरह बच्चों को अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए।
पैरेन्ट्स के ये रहे प्रश्न
बच्चे का मन भटकता है
पढ़ा हुआ याद नहीं रहता
निगेटिव विचार सताते हैं
पढ़ाई का डर दूर करना है
पढ़ने में बोर हो जाते हैं
पढ़ते-पढ़ते विचार बहुत आते हैं
आत्मविश्वास की कमी है
काम में मन नहीं लगता है
जीवन में लक्ष्य तय नहीं हो पा रहा है
मोबाइल और वीडियो गेम्स पर ही समय बिताते हैं
स्मृति परमार ने इन सभी सवालों के जवाब देकर पैरेन्ट्स को संतुष्ट किया।
एग्जाम हॉल में पहुंचते ही
आंसर भूल जाते हैं
हॉल में बैठे पैरेन्ट्स ने सवाल किया कि, बच्चा पढ़ाई तो करता है, लेकिन एग्जाम के समय वो आंसर्स भूल जाते हैं। परमार ने बच्चों की मेमोरी पॉवर बढ़ाने के टिप्स दिए। साथ ही उन्होंने बताया कि, हर बच्चे का पढ़ाई करने का तरीका अलग होता है कोई मन में याद करता है तो कोई जोर-जोर से बोलकर पढ़ता है। अगर कोई बच्चा जोर-जोर से पढ़ाई कर रहा होता है तो पैरेन्ट् उसे डांट देते है, ऐसे में बच्चे का मन खराब हो जाता है। एग्जाम के समय पैरेन्ट्स को बच्चों को जितना प्यार से हो सकें उतना ट्रीट करना चाहिए। वैसे भी बच्चा इन दिनों ज्यादा तनाव मे रहता है, इसलिए उसे प्यार से समझाना चाहिए।
पैरेन्ट्स गुस्से को रखे शांत
स्मृति परमार ने बताया कि, एग्जाम के समय बच्चों से ज्यादा पैरेन्ट्स तनाव में रहते हैं। वे बच्चों को पढ़ाई करने के लिए फोर्स करते हैं, ऐसे में अगर बच्चा पढ़ाई करने नहीं बैठता है, तो पैरेन्ट्स को गुस्सा आता है, इसलिए पैरेन्ट्स को सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना है कि, अपने गुस्से को शांत रखें। शांत दिमाग से बच्चे बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। बच्चों को डांटने से उनका मन अशांत हो जाता है। घर का वातावरण पढ़ाई के अनुकूल बनाए।
मन शांत रहने से एकाग्रता बढ़ती है
बच्चों का मन शांत होने से एकाग्रता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि, ईश्वर ने हम सभी को एक जैसा दिमाग दिया है। किसी का भी दिमाग कम या ज्यादा नहीं होता, बस फर्क होता है उसे इस्तेमाल करने की क्षमता और तरीकों का। खासकर स्कूली बच्चे जिन पर अपने भविष्य को बनाने के साथ माता-पिता व शिक्षकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का दबाव रहता है।
Created On :   20 Feb 2020 5:50 PM IST