मौसम विभाग ने दी फिर से मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
वर्धा मौसम विभाग ने दी फिर से मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

डिजिटल डेस्क, वर्धा। मौसम विभाग ने विदर्भ के 11 जिलों में दो दिनों का यलो अलर्ट जारी किया है। इसके तहत पहले दिन 25 जुलाई को कुछ जिलों में बारिश हुई। हालांकि यह बारिश इतनी तेज नहीं थी लेकिन इसे लेकर प्रशासन सजग हो गया है। अब मौसम विभाग के अनुसार 26 जुलाई को बिजली की गड़गड़ाहट के साथ विदर्भ के कई स्थानों पर मूसलाधार बारिश हो सकती है। उसी प्रकार आंधी, तूफान की भी आशंका जताई गई है।  तेज बारिश होने की चेतावनी नागपुर के मौसम विभाग ने जारी की है। पश्चिम विदर्भ के यवतमाल, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, अकोला तो पूर्व विदर्भ के नागपुर, भंडारा,गोंदिया, चंद्रपुर, गड़चिरोली, वर्धा आदि जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। पहले ही वर्धा और यवतमाल जिले में हुई मूसलाधार बारिश के कारण अनेक बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में प्रशासन सतर्क हो गया है। 

वर्धा जिले में फिर बरसे मेघ

कुछ दिन के विश्राम के बाद वर्धा शहर में सोमवार की शाम मूसलाधार बारिश हुई। देर रात तक बारिश जारी रही।   जिले के जून व जुलाई माह में 199.2 फीसदी बारिश हो चुकी है। इससे जिले में गीला अकाल की नौबत आ गई है। पिछले 24 घंटे में औसतन 5.6 मि.मी. बारिश हुई है। जिले के 8 तहसीलो में जून माह व जुलाई माह के 25 तारीख तक आर्वी तहसील में 172.9 फीसदी, कारंजा घाडगे तहसील में 221.3 फीसदी, आष्टी शहीद तहसील में 202.3 फीसदी,वर्धा तहसील में 203.6 फीसदी, सेलू तहसील में 175.9 फीसदी, देवली तहसील में 176.7 फीसदी, हिंगणघाट तहसील में 211.5 फीसदी,  समुद्रपुर तहसील में 223.0 फीसदी बारिश हो चुकी है।  जिले में इतनी बारिश सितंबर माह के अंत तक होती थी, मगर बारिश जादा हाेने से जिले के नदी-नाले उफान पर हैं।  जिले के माध्यम बांध व लघु बांध भरपूर भर गया है। खेतों की फसलों में पानी जमा हो गया है। जिले के सभी तहसीलों में अतिवृष्टि हो चुकी है। जिले में सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। अनेग गांवों के मिट्‌टी के घरों व फसलों का काफी नुकसान हो चुका है।जिले मे रविवार की सुबह से सोमवार की सुबह तक औसतन 5.6 मि.मी. दर्ज की गई है। जिले के आर्वी में 7.5 मि.मी., कारंजा घाडगे में 2.2 मि.मी., आष्टी शहीद में 3.6 मि.मी., वर्धा में 4.5 मि.मी., सेलू में 8.9 मि.मी., देवली में 7.8 मि.मी., हिंगणघाट में 5 मि.मी., समुद्रपुर में 4.3 मि.मी. बारिश हुई है।

उपमुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं मिली सहायता

लगातार बारिश के कारण नदी, नालियों में  भारी बाढ़ आई और पानी गांव में घुस गया। इससे काफी नुकसान हुआ। पास के कन्होली (कात्री) गांव बाढ़ से घिरने के कारण भारी नुकसान हुआ था। बचाव दल द्वारा नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एक सप्ताह पहले यहां का दौरा कर बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों और क्षतिग्रस्त किसानों को आर्थिक सहायता करने की घोषणा की थी।  लेकिन एक सप्ताह का समय बीत जाने के बावजूद बाढ़ प्रभावित नागरिकों व किसानों को आर्थिक सहायता नहीं मिली हैं। 

हिंगणघाट तहसील में 17 जुलाई की आधी रात को आई बारिश के कारण टाकली, निधा, मनसावली, बोपापुर पोहणा, डोरला, सावंगी (संगम), धानोरा, शेकापुर गांवों के साथ कन्होली (कात्री) में भीषण बाढ आ गई थी। बाढ़ में कई घर तबाह हो गए। सैकड़ों एकड़ खेत 

में पानी भर गया और फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं। गणेश ठाकुर, संजय ठाकुर, रामकृष्ण ठाकुर आदि के घर गिर गए। कई घरों में पानी घुस जाने से अनाज, जरूरी सामान, कागजात पानी में बह गए। कन्होली गांव वर्धा और यशोदा इन दो नदियों के संगम पर बसता है। इसलिए 17 जुलाई को भारी बारिश के बाद गांव बाढ़ से घिर गया था। 

बेंबला प्रकल्प के गेट खोलने से वर्धा नदी में बाढ़ आ गयी थी। चार सौ से अधिक परिवार बाढ़ में फंसे थे। बाढ़ पीडि़तों को नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बाढ़ का पानी उतरने के बाद घर की ओर जानेवाले सभी रास्ते कीचड़ में डूब गए। तहसील का उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दौरा किया था। उन्होंने कन्होली कात्री गांव का दौरा किया और तत्काल वित्तीय सहायता करने का आश्वासन दिया था।  लेकिन आठ दिन का समय होने के बावजूद बाढ़ पीड़ित परिवारों को सरकार से कोई भी आर्थिक सहायता मदद नहीं मिली है। उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार,  तलाठी,  सरपंच, पुलिस विभाग इस स्थिति पर ध्यान दे रहे हैं। जिन परिवारों के घर गिरे, जिनके घरों में पानी घुस गया और जिनकी जान चली गई, उनकी मदद के लिए काम किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्होंने सरकार नुकसान पीड़ित गांव के पंचनामे कर आर्थिक सहायता करने का आश्वासन दिया गया था। पहले चरण सरकार पांच हजार रुपए की सहायता करने की बात की जा रही थी। लेकिन अब तक उपमुख्यमंत्री की ओर से मदद नहीं मिली है। किसानों की आंखों और खेत में पानी अभी तक नहीं सूखा है। कई परिवारों ने अपना घर और किसानों ने खेत की फसलें खो दी है। लेकिन सरकार क्षतिग्रस्त किसानों व नागरिकों का मजाक उड़ाने की बात की जा रही है।

पाटाला के पुल तक पहुंचा पानी

वणी और नागपुर के बीच की पाटाला पुलिया तक बाढ़ का पानी आया था। मगर उसके ऊपर नहीं गया। दोपहर के बाद यह पानी कम कम होता गया। इससे यहां फिर बाढ़ आने की आशंका कम जताई जा रही है। मगर निम्न वर्धा बांध के 31 दरवाजे खोले जाने से उसका पानी सीधे वणी तहसील के गांव तक पहुंचने की आशंका है। इस कारण रविवार की रात में बैलगाड़ियांे पर सवार होकर रूरी समान लेकर सेल खुर्द के 300 लोग तो भुरकी गांव के 462 लोग स्थानांरित हो गए क्योंकि  रात में पाटाला की पुलिया तक पानी आने की आशंका जताई गई थी। इससे यह पुलिया पानी में डूबने की आशंका जताई जा रही थी।  यहां पर आपदा के हालात देखते हुए बचाव पथक के 15 जवानों के साथ 3 बोट तैयार रखी गई है। सेलू के लोगों को नांदेपेरा जिप स्कूल में रखा गया है। उसी प्रकार कुछ लोग उनके बाहरगांव के रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। भर्की के लोगों को सावरला के महाविद्यालय में रखा गया था। उनके लिए वाहन की व्यवस्था भी की गई थी।

 

 

Created On :   26 July 2022 8:34 PM IST

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