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मौसम विभाग को दगा देता रहा मौसम , अधिकांश भविष्यवाणी गलत साबित हुई
![Meteorological department weather most prediction falsified Meteorological department weather most prediction falsified](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/10/badal-1_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर में इस साल मौसम में काफी बदलाव देखे गए। मौसम की आंखमिचौली व विभाग की घोषणा कुछ ज्यादा ही चर्चा में रही । गर्मी के मौसम में भी रिकार्ड तोड़ तापमान दर्ज हुआ। बारिश के दौर में कभी तेज बारिश, तो कभी न असहनीय गर्मी रही। पूर्वानुमान में मौसम वैज्ञानिक पूरी तरह फेल हो गए। 1 अगस्त से 18 सितंबर तक यानी करीब डेढ़ माह में 8 बार भारी बारिश या बिल्कुल बारिश नहीं हुई, जिसकी भविष्यवाणी की गई थी। मौसम की बिलकुल विपरीत ही प्रतिक्रिया देखने को मिली। जब रेड अलर्ट या ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई, तब धूप निकल आई और जब बारिश बंद होने की संभावना जताई गई, तो तेज फुहारों ने वैज्ञानिकों के विश्लेषण को गलत साबित कर दिया। मौसम विभाग की भविष्यवाणियां लगातार गलत साबित हो रही हैं। ऐसे में लगातार विभाग के अनुमानों पर सवाल उठ रहे हैं। हद तो तब हो गई जब इसी अनुमान के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नागपुर दौरा तक रद्द कर दिया गया, मगर उस दिन पूर्वानुमान के अनुसार कुछ भी नहीं हुआ। हालांकि अब मौसम विभाग की ओर से अधिकृत रूप से मानसून की विदाई की जानकारी दे दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार 9 अक्टूबर को मानसून की विदाई हुई है।
ऐसे आती है रिपोर्ट
मौसम विभाग के वैज्ञानिक ग्लोबल स्थिति जैसे क्षेत्र पर, आस-पास मानसूनी विकास चक्रवात, प्रेशर, नमी और हवा की दिशाओं से अनुमान और विश्लेषण करते हैं। इसके बाद स्थिति को ग्लोबल फोरकास्टिंग मॉडल (जीएफएम) और फोरकास्टिंग यूरोपियन मॉडल (एफईएम) में डालते हैं। उसके बाद जो परिणाम आते हैं, वह ग्लोबल ही आते हैं। एक निर्धारित क्षेत्र के लिए परिणाम निकालने के लिए उसमें और विश्लेषण किया जाता है और फिर रिपोर्ट दी जाती है। विश्लेषण के आधार पर ही पुष्टि कर पुख्ता अधिकृत जानकारी साझा करते हैं। इसमें कभी-कभी मौसम में अचानक बदलाव के कारण पूर्वानुमान में अंतर आता है।
रिपोर्ट में "कहीं कहीं" का करते हैं प्रयोग
हम जो भी रिपोर्ट देते हैं, वह पूरे जिले या एक बड़े क्षेत्र की देते हैं। रिपोर्ट में भी हम कहीं-कहीं पर भारी बारिश होने का अनुमान लिखते हैं। आज सभी तकनीक हमारे पास है और अनुभवी साइंटिस्ट हैं। पूर्वानुमान गलत नहीं होता है, यदि बारिश की चेतावनी है, तो क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बारिश होती ही है।
-एम.एल. साहू, डिप्टी डायरेक्टर जनरल, मेटियोरोलॉजी
Created On :   11 Oct 2019 11:09 AM GMT