फिर रफ्तार में मेट्रो : खर्च निकालना हुआ था मुश्किल, अब भरपाई की कोशिशें जारी

Metro in pace again: It was difficult to remove the expenses, now efforts to compensate continue
फिर रफ्तार में मेट्रो : खर्च निकालना हुआ था मुश्किल, अब भरपाई की कोशिशें जारी
फिर रफ्तार में मेट्रो : खर्च निकालना हुआ था मुश्किल, अब भरपाई की कोशिशें जारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वर्ष 2020 महामेट्रो के लिए भी संघर्ष भरा रहा। कोरोना  संक्रमण के कारण मार्च से अक्टूबर माह तक मेट्रो के पहिए थमे ही रहे। यहां तक कि बिजली का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया।  स्थिति अनलॉक होने के बाद दिसंबर माह में अभी यात्रियों की संख्या 10 हजार को पार कर रही है, लेकिन साल भर की बात करें तो आमदनी पर संक्रमण ही मंडराता रहा। जनवरी में मेट्रो प्रशासन ने खापरी के बाद बर्डी इंटरचेंज से लेकर हिंगना लाइन को भी शुरू किया था, जिससे यात्रियों की संख्या बढ़ गई थी। औसतन एक दिन में मेट्रो से सफर करनेवालों की संख्या 10 से 12 हजार तक पहुंच गई थी। यह स्थिति मार्च महीने के आखिर तक बनी रही, लेकिन इसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण मेट्रो को बंद कर दिया गया।  

अक्टूबर से दिसंबर तक न के बराबर यात्री :मार्च में तालाबंदी के कारण मेट्रो को सीधे अक्टूबर माह में शुरू किया गया। पहले एक महीना तो मेट्रो से सफर करने वालों की संख्या न के बराबर थी। जैसे-तैसे दिवाली के बाद से कुछ संख्या बढ़ने लगी। दिसंबर में अभी तक प्रति दिन यह संख्या  10 हजार के करीब होने का दावा मेट्रो प्रशासन ने किया है। 

घाटे को नकारा नहीं जा सकता

महामेट्रो से मिली जानकारी के अनुसार, केवल मेट्रो चलाने में प्रति दिन प्रशासन को डेढ़ लाख का खर्च आ रहा है। वहीं अर्निंग की बात करें तो  एक लाख 75 हजार रुपए मिल रहे हैं। यानी 25 हजार यात्रियों से अर्निंग हो रही है। इसमें मेट्रो चलाने वाले स्टाफ, सिस्टम आदि का खर्च जोड़ा जाए, तो मेट्रो प्रति महीने घाटे में ही चल रही है।  

वर्ष 2016 में नागपुर शहर में मेट्रो को साकार करने का काम शुरू किया था। मेट्रो की राह बनाने से लेकर इसके स्टेशनों के विकास का काम तेज रफ्तार से लगातार चलता रहा। मार्च में कोरोना की दस्तक होते ही मेट्रो के विकास कार्य को जबर्दस्त ब्रेक लगा था। अप्रैल व मई माह में मजदूरों के नहीं रहने से विकास कार्य लगभग ठप ही रहा। केवल 12 सौ मजदूर जैसे-तैसे विकास कार्य में जुटे थे। आमतौर पर 3 हजार से ज्यादा मजदूर मेट्रो का काम करते रहे हैं। जून से थोड़ा-बहुत काम शुरू हो सका। अगस्त आते-आते पूर्ववत स्थिति में पहुंच गया।  

साल भर में 6 नए स्टेशन शुरू 

मेट्रो की ओर इस साल के पहले तक 12 स्टेशन यात्रियों के लिए खोले गए थे। इस साल इसमें 6 नए स्टेशनों को जोड़ा गया है। इसमें रहाटे कॉलोनी चौक स्टेशन, अजनी स्टेशन, एलईडी चौक स्टेशन, रचना मेट्रो स्टेशन, शंकरनगर मेट्रो स्टेशन आदि शामिल हैं।
संक्रमण के बाद से लोग मेट्रो का सफर टालते दिखाई दिए, लेकिन प्रशासन ने यात्रियों को मेट्रो से जोड़ने के लिए कई योजनाएं शुरू की। इसमें बर्थ डे सेलिब्रेशन, संगीत कार्यक्रम का आयोजन, मेट्रो सफर लकी ड्रा स्कीम, उद्यान में पहुंच मेट्रो से सफर करने के लिए जनजागृति, मेट्रो एम्बेसडर बनाना, जनप्रतिनिधियों को मेट्रो सफर कराकर जनता से अपील करना, मेट्रो में साइकिल लेकर जाने की सुविधा आदि शामिल रहे।  

इस साल मेट्रो के अहम पड़ाव  

17 जनवरी को वासुदेव नगर स्टेशन को शुरू करने का प्रमाणपत्र मिला। 
28 जनवरी को एक्वा लाइन बर्डी से लोकमान्य नगर तक शुरू की गई। 
16 फरवरी को महामेट्रो ने मिहान मैराथन आयोजित किया।
26 फरवरी को फोर लेन गड्डीगोदाम पुल का काम शुरू किया गया। 
12 मार्च को एक्वा लाइन पर हर 15 मिनट बाद गाड़ियां चलाना शुरू किया। 
14 मार्च को ई-वाहनों को चार्जिंग की सुविधा मेट्रो स्टेशन पर दी गई। 
6 अप्रैल को मेट्रो के फेसबुक पेज पर 5 लाख 50 हजार लोगों ने विजिट की।
26 जून को केन्द्रीय मंत्री ने मेट्रो भवन पहुंचकर मेट्रो प्रोजेक्ट की जानकारी ली। 
8 अक्टूबर इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की ओर से मेट्रो भवन को प्लैटिनम रेटिंग मिली। 
9 अक्टूबर को रहाटे कॉलोनी, अजनी, बंसी नगर, एलईडी स्टेशन की सुरक्षा को लेकर हरी झंडी।  
16 अक्टूबर से कोरोना संक्रमण के बाद फिर यात्रियों के लिए मेट्रो ट्रेनें शुरू की गईं। 
29 अक्टूबर को महामेट्रो ने एयरपोर्ट स्टेशन से फीडर व्यवस्था शुरू की। 
22 नवंबर को नॉन मेट्रो परिसर में फीडर अवस्था शुरू की गई।

खास उपलब्धि

25 सितंबर को महामेट्रो के एमडी डॉ. ब्रिजेश दीक्षित को कंस्ट्रक्शन वर्ल्ड पर्सन ऑफ दी ईयर पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार फाउंडेशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर रिसर्च स्टडीज ट्रेनिंग काउंसिल की ओर से दिया गया।        

 

Created On :   24 Dec 2020 6:31 PM IST

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