सोशल मीडिया का बढ़ रहा है दुरुपयोग, ‘आधार’ से लिंक जरूरी , उठी मांग

Misuse of social media is increasing, link to aadhar is necessary, demand raised
सोशल मीडिया का बढ़ रहा है दुरुपयोग, ‘आधार’ से लिंक जरूरी , उठी मांग
सोशल मीडिया का बढ़ रहा है दुरुपयोग, ‘आधार’ से लिंक जरूरी , उठी मांग

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग जैसा होता है, उससे भी अधिक नकारात्मक इस्तेमाल हो रहा है। इसकी रोकथाम  के लिए प्रत्येक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता का अकाउंट वैध करने की जरूरत है। इसके लिए सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के अकाउंट ‘आधार’ से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत होना चाहिए। इससे साइबर अपराध सहित अन्य अपराधों की तह तक जाना संभव हो पाएगा। अपराधों पर नियंत्रण होगा। बिगड़े रहे सामाजिक रिश्ते भी संभलेंगे।  

संवाददाताओं से बात करते हुए सोशल मीडिया विश्लेषक अजित पारसे ने कहा कि, ज्यादातर नागरिक अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वॉट्सअप के लोग आदी हो चुके हैं। युवा बड़े पैमाने पर है। वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। विचार, सामाजिक व भावनिक संवेदनाओं का आदान-प्रदान होता है, लेकिन अनेक ‘फेक अकाउंट’ के माध्यम से फेक न्यूज, अफवाह फैलाना, बदनामी, राष्ट्रविरोधी पोस्टर डालना, आतंकवाद को समर्थन देने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। समाज विरोधी पोस्ट डालने वालों तक पहुंचना मुश्किल है। फलत: सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। सामाजिक माहौल अनुकूल रखना है तो अब सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। पारसे ने कहा कि, समय की जरूरत को देखते हुए सरकार ने सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से जोड़ने की पहल की है।

10 प्रतिशत फेक अकाउंट 

नेटीजन्स को सरकार के निर्णय को समर्थन देकर भविष्य में संकट दूर करने की जरूरत है। अन्यथा सोशल मीडिया के दुरुपयोग से होने वाले अपराध का असर हमारे परिवार तक पहुंचेगा और संपूर्ण परिवारिक व्यवस्था तबाह हो जाएगा। उन्होंने बताया कि विधि तज्ञ व भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने इस बाबत याचिका भी दाखिल की है। याचिका में दावा किया गया कि, देश में 3.5 करोड़ ट्विटर अकाउंट, 32.5 करोड़ फेसबुक अकाउंट हैं, लेकिन इसमें से 10 प्रतिशत अकाउंट फेक हैं। फेक अकाउंट से प्रकाशित होने वाली खबरों पर सामान्य लोग विश्वास करते हैं। इसे रोकने के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल आधार से जोड़ने का िनवेदन सर्वोच्च न्यायालय से किया गया है। 
ये स्वतंत्रता पर बंधन नहीं है 

सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से जोड़ने की सरकार की पहल योग्य है। कोई भी बदलाव तकलीफ देता है, लेकिन अच्छा भविष्य निर्माण होता है। सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से जोड़ने पर असामाजिक तत्वों पर नकेल कसेगी। राष्ट्र विरोधी कार्रवाई करने वाले और फेक न्यूज फैलाने वालों पर भी नियंत्रण आएगा। राष्ट्र और सामाजिक हितों के लिए उसका स्वागत करना आवश्यक है।  अजित पारसे, सोशल मीडिया विश्लेषक
 

Created On :   28 Aug 2019 8:31 AM GMT

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