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78 हजार कामगारों को नहीं मिली मजदूरी

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. कड़ी धूप में काम करने के बावजूद भी मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं दी जा रही है। वहीं दुसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन देकर मजदूरों का मजाक उड़ाया जा रहा है। गोंदिया जिले के 77 हजार 765 मजदूरों को अभी भी दो माह बीत जाने के बावजूद भी फरवरी व मार्च माह की मनरेगा की मजदूरी नहीं मिली है। जिस कारण उन पर आर्थिक संकट आन पड़ा है। मजदूरी की निधी प्राप्त नहीं होने से मजदूरी नहीं मिल पा रही है। इस तरह की जानकारी जिला प्रशासन के मनरेगा विभाग के माध्यम से दी जा रही है। बता दें कि ग्रामीण मजदूरों का पलायन रोकने के लिए मनरेगा योजना शुरू की गई, ताकी इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को गांव में ही काम मिल सके और उनका पलायन रोका जा सके। गोंदिया जिले में लाखों की संख्या में मनरेगा के मजदूरों को गांवों में ही काम तो दिया जा रहा है। लेकिन समय पर मजदूरी नहीं दी जा रही है। बताया गया है कि फरवरी व मार्च माह की मजदूरी जिले के 77 हजार 765 मजदूरों को नहीं मिल पाई है। इसका मुख्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि उपरोक्त मजदूरी देने के लिए निधी प्राप्त नहीं हुई है। मजदूरी नहीं मिलने के कारण मनरेगा के मजदूरों पर आर्थिक संकट गहरा गया है, फिर भी मजबूरन मजदूर 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी काम पर जा रहे है। मजदूरों का कहना है कि यदि सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों को वेतन देने में 15 दिन देरी हो जाती है तो कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों द्वारा वेतन देने की मांग का ज्ञापन सौंपा जाता है। इतना ही नहीं तो आंदोलन की भूमिका भी अपनाई जाती है। लेकिन मनरेगा के मजदूरों को दो माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी मजदूरी नहीं दी गई। फिर भी मनरेगा के कामों पर मजदूरों का जाना निरंतर शुरू है। उपरोक्त परिस्थिती को देखते हुए तत्काल मनरेगा के मजदूरों को मजदूरी उपलब्ध कराकर उनके आर्थिक संकट को दूर करें। इस तहर की मांग की जा रही है।
Created On :   13 May 2022 8:01 PM IST