बंदर ने जमकर मचाया उत्पात, दो दिन में 7 घायल, मशक्कत से पिंजरे में कैद

Monkey attacked on Seven people. they injured between two days
बंदर ने जमकर मचाया उत्पात, दो दिन में 7 घायल, मशक्कत से पिंजरे में कैद
बंदर ने जमकर मचाया उत्पात, दो दिन में 7 घायल, मशक्कत से पिंजरे में कैद

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। विट्ठल मंदिर से पठानपुरा मार्ग पर शुक्रवार रात 10 से 12 बजे के बीच उत्पाती बंदर ने सात लोगों को घायल कर दिया। दूसरे दिन शनिवार दोपहर तक उसने जमकर आतंक मचाया। जिसके बाद वन विभाग और ईको-प्रो के सदस्यों ने मशक्कत कर उसे पिंजरे में कैद किया। बंदर बस्ती में एक से दूसरे घर पर उछल-कूद कर रहा था। देखते ही देखते वहां से गुरजनेवाले नागरिकों पर हमला करना शुरू कर दिया। पहले तो उसके हमले में देशराज गिरडकर और अजय सातोकर घायल हो गए। हालांकि वहीं ईको-प्रो के अध्यक्ष बंडू धोतरे का घर भी है। उन्होंने नागरिकों को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी थी। 

ये हुए घायल

शनिवार सुबह परिसर के नितीन बोडख़े (40) जैसे ही घर से बाहर निकले तो पीछे से आकर बंदर ने उसके सिर पर काट लिया। जिसमें वे घायल हो गए। उन्हें 6 टाके लगे। दूसरी दिशा में अजय रामेडवार (40) को भी वानर ने पीछे से हमला कर घायल कर दिया। उन्हें भी  22 टाके लगे हैं। वहीं वानर के हमले में घायल हुई अलका खनके (35) के हाथ पर भी 9 टाके लगे हैं। इनके अलावा कल्पना रागिट (40) और आकाश बेले भी वानर के हमले में घायल हो गई। बंदर का आतंक देख लोगों ने अपने घर के दरवाजे-खिड़कियां बंद कर दीं। वानर को भगाने के लिए कुछ युवक लाठी-काठी लेकर सड़क पर उतरे। 

ईको-प्रो की टीम घटनास्थल पर पहुंची

घटना की जानकारी बंडू धोतरे को मिलते ही ईको-प्रो की टीम घटनास्थल पर पहुंची। यह टीम समीपस्थ विठोबा खिड़की के पास किले में स्वच्छता अभियान चला रही थी। टीम ने स्थिति को भांपते हुए परिसर के मार्ग बंद कर दिए। भीड़ हटवाई। उसके बाद वनपरिक्षेत्र अधिकारी थिपे को इस संबंध में जानकारी दी गई। वन विभाग की रैपिड यूनिट क्षेत्र में बुलाई गई। उसके बाद वन विभाग व ईको-प्रो की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बंदर को बेहोश कर पिजराबंद किया। उसके बाद नागरिकों ने राहत की सांस ली।

रेस्क्यू टीम की कार्रवाई

इस ऑपरेशन में मानद वन्यजीव रक्षक बंडू धोतरे, वन विभाग के पशुवैद्यकीय अधिकारी डा. कुंदन पोड्शलवार, वनरक्षक शूटर मिलिंद किटे, अतिक बेग, वनपाल राजू बढकेलवार, दादाराव मेश्राम, वनरक्षक भूलेश रंगारी, वनमजदूर किशोर डांगे, उमेश घनोड़े, ईको-प्रो के नितीन बुरडकर, बिमल शाह, राजू काहिलकर, धमेंद्र लुणावत, अनिल अड्गुरवार, हरिदास कोराम, विशाल रामेडवार, हरीश मेश्राम, रोशन धोतरे, रवींद्र गुरनुले, कपील चौधरी, वैभव मड़ावी, अतुल राखुंडे आदि ने प्रयास किया। 

Created On :   7 Jan 2018 11:11 AM GMT

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