शहर में रोजाना खप रही 2 टन से ज्यादा अमानक पॉलीथिन, खतरा

More than 2 tonnes of non-standard polythene being consumed daily in the city, danger
शहर में रोजाना खप रही 2 टन से ज्यादा अमानक पॉलीथिन, खतरा
शहर में रोजाना खप रही 2 टन से ज्यादा अमानक पॉलीथिन, खतरा

विडंबना - धड़ल्ले से हो रहा उपयोग, चोक हो रहीं नालियाँ मवेशियों के लिए भी काल, महज दिखावे तक सीमित है कार्रवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर में प्रतिदिन करीब 2 टन से ज्यादा अमानक पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। अमानक पॉलीथिन न केवल मानव जीवन के लिए घातक है बल्कि इससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है, यहाँ तक की जानवरों का जीवन भी इससे खतरे में आ गया है। नालियाँ, नाले, नदियाँ और समंदर तो इन अमानक पॉलीथिन के जाल में गहरे तक फँस गए हैं। नगर निगम अमानक पॉलीथिन के खिलाफ कार्रवाई तो करता है लेकिन यह सब्जी और फलों के ठेले तक ही सीमित रहती है, जिन बड़े कारोबारियों के जरिए इनका विक्रय होता है उन पर कभी हाथ नहीं डाला जाता। यही कारण है कि लोगों की सेहत को खतरे में डालने का खेल बदस्तूर जारी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अनुसार 50 माइक्रोन से नीचे की मोटाई वाली पॉलीथिन अमानक मानी जाती है। इसकी पहचान यह होती है कि उंगली से जोर लगाने पर जो पॉलीथिन फट जाए वह अमानक है। ऐसी पॉलीथिन का किराना दुकानों, सब्जी, फलों के ठेलों, खाने के स्टॉल और अन्य दुकानों में उपयोग रोजाना होता है। नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिम्मे यह व्यवस्था है कि इस प्रकार की पॉलीथिन का उपयोग रोका जाए और कठोर कार्रवाई की जाए लेकिन यह कार्रवाई न के बराबर होती है। 
भूमिगत जल भी प्रदूषित होता है 
 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक अमिया एक्का के अनुसार अमानक पॉलीथिन डिकम्पोज नहीं होती, जिससे वह जमीन में वर्षों तक दबी रहती है और इसके खतरनाक रसायन भूमिगत जल को भी प्रदूषित करते हैं। मवेशियों की आँतों में जाकर ये कैंसर का कारण बनती हैं। पेड़-पौधों को पर्याप्त न्यूट्रीशन नहीं मिल पाता। नालियाँ चोक हो जाती हैं और नदियों का बहाव भी प्रभावित होता है।
गुजरात से आती है खेप 
 शहर के पॉलीथिन विक्रेताओं का कहना है कि अमानक पॉलीथिन यहाँ नहीं बनती, बल्कि सबसे अधिक सप्लाई गुजरात से होती है जो कि पूरी तरह अवैध है। दबी जुबान से व्यापारी यह भी कहते हैं कि कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह व्यापार चल रहा है।
तेज होगी कार्रवाई
वैसे तो नगर निगम लगातार कार्रवाई करता है, ग्वारीघाट जैसे क्षेत्र को पॉलीथिन-फ्री भी घोषित किया गया है और यहाँ अक्सर ही कार्रवाई की जाती है। अब रोजाना इसके लिए अभियान चलाया जाएगा और कोशिश होगी कि बड़े विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की जाए ताकि इसका विक्रय ही न हो पाए। लोगों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए और घरों से थैला लेकर निकलना चाहिए।
भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम

Created On :   21 July 2021 8:59 AM GMT

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