10 साल में 9000 से ज्यादा पक्षी नागपुर से हुए गायब

More than 9000 birds disappeared from Nagpur in 10 years
10 साल में 9000 से ज्यादा पक्षी नागपुर से हुए गायब
चितनीय 10 साल में 9000 से ज्यादा पक्षी नागपुर से हुए गायब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गत 10 साल में नागपुर जिले से 9 हजार से ज्यादा पक्षी गायब हो गए हैं। जनवरी में हुई पक्षी गणना की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। वर्ष 2014 में इसी तरह की एक गणना में 13 हजार 7 सौ 86 पक्षियों की गणना की गई, जिसमें 86 प्रजाति के पक्षी शामिल थे। इस साल यानी वर्ष 2023 में हुई गणना में 4 हजार 2 सौ 79 पक्षी पाए गए हैं। प्रजाति भी 75 ही दिखाई दी है। विशेषज्ञों का मानें तो लगातार पक्षियों के अधिवास में मानवी हस्तक्षेप से लेकर बदलता मौसम इसका कारण है, जिससे 9 हजार 4 सौ 67 पक्षी कम दिख रहे हैं।

60-70% कमी दर्ज

नागपुर जिले में हर बार पक्षियों की गणना की जाती है। यह गणना वन विभाग के साथ बर्ड वॉचिंग संस्था आदि मिलकर करती है। इस साल भी महाराष्ट्र राज्य जैव-विविधता मंडल, बर्ड ऑफ विदर्भ व वन विभाग ने मिलकर 21 व 22 जनवरी को गणना की थी। इसके बाद उपरोक्त चिंताजनक स्थिति सामने आई। पर्यावरण को होने वाले लगातार नुकसान और अन्य खतरों के कारण पिछले 10 वर्षों में पक्षियों की संख्या में 60 से 70 प्रतिशत कम हो गई है।

मानद वन्यजीव वार्डन और विदर्भ के पक्षियों के संस्थापक प्रशासक अविनाश लोंढे ने बताया कि वर्ष 20a14-15 में की गई पहली जनगणना की तुलना में पक्षियों की संख्या में 60% से 70% की गिरावट आई है। इसके कई कारण है-तालाबों के किनारे नष्ट करना, अवैध मछलीमार, पेड़ों की कटाई, पानी का प्रदूषित होना, मौसम का बदलना आदि। अवैध खनन, पक्षियों का शिकार, झीलों के किनारे पेड़ों की कटाई, झीलों के सूखे किनारों पर अवैध खेती आदि भी कारण हैं।

गणना में लोगों ने भी भाग लिया : 21 व 22 जनवरी 2023 को महाराष्ट्र वन विभाग के नागपुर डिवीजन और विदर्भ के पक्षियों के सहयोग से महाराष्ट्र राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा आयोजित वाटर बर्ड सेंसस में सिटी बर्डर्स में बड़ी संख्या में लोगों ने सहभाग दिखाया था। गणना में विदर्भ के पक्षियों की 19 टीमों में 63 बर्डर्स की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने जनगणना के उद्देश्य से नागपुर जिले में 30 झीलों और 4279 पक्षियों को कवर किया, जिसमें 75 पक्षियों की प्रजातियों की गिनती की गई। पहली जल पक्षी गणना दिसंबर 2014 और जनवरी 2015 में 2 चरणों में हुई थी, जिसमें 13746 पक्षियों की संख्या और 86 पक्षियों की प्रजातियों को पहले चरण में और 11062 पक्षियों की संख्या को 77 प्रजातियों के साथ दूसरे चरण में शामिल किया गया था। इसकी तुलना में इस बार की संख्या काफी कम नजर आई है।

यह पक्षी दिखे

जनगणना के दौरान कुछ उल्लेखनीय दृश्य भी दर्ज किए गए। बर्डर्स के दल में अविनाश लोंढें, वेंकटेश मुदलियार और पराग पवार ने नागपुर के पास झील पर ग्रेटर फिश ईगल और डस्की ईगल उल्लू देखा। साथ ही टीम द्वारा साइकी झील पर 173 बार-हेडेड गूज (एन्सर इंडिकस) का झुंड रिकॉर्ड किया गया। सरकार के श्रीकांत बोरकर और अजय अग्रवाल के नेतृत्व में टीम द्वारा कोराडी झील पर 230 रेड क्रेस्टेड पोचार्ड का झुंड देखा गया।
 

Created On :   13 March 2023 6:27 PM IST

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