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पुलिस स्टेशनों में दर्ज हैं महाराष्ट्र के आधे से अधिक विधायकों के नाम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपराधिक पृष्ठिभूमि वाले सांसद-विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले ने राजनीति के अपराधीकरण को लेकर एक बार फिर बहस गर्म कर दी है। अपराधियों को उम्मीदवारी देने के मामले में सभी राज्यों और राजनीतिक दलों की स्थिति एक जैसी है। अपराधी पृष्ठिभूमि वाले सांसदों-विधायकों के मामले में महाराष्ट्र भी उत्तरभारत के राज्यों से होड़ करता दिखाई दे रहा है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा के 57 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 282 विधायकों में से 160 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। जबकि 111 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। महाराष्ट्र के चार विधायकों-सांसदों के खिलाफ हत्या व 10 के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज हैं। शिवसेना के 21 सांसदों में से 18 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 10 के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले हैं। यानि शिवसेना के 48 फीसदी सांसदों के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं। राकांपा के 11 सांसदों (7 लोकसभा व 4 राज्यसभा) में से 6 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं जबकि 5 के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं।
नगरसेवक भी कम नहीं
आपराधिक नेताओं के मामले में केवल सांसद-विधायक ही नहीं शामिल हैं। महानगरपालिकाओं में भी ऐसी ही हालत है। 2017 में हुए नागपुर मनपा चुनाव में चुमे गए 146 नगरसेवकों में से 28 यानि 19 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 17 के खिलाफ गंभीर मामले हैं। आपराधिक पृष्ठिभूमि वाले नगरसेवकों के मामले में भाजपा-कांग्रेस बराबरी पर हैं।
क्रिमिनल एमएलए: टॉप-4 राज्य
राज्य आपराधिक मामले गंभीर मामले
झारखंड 63 फीसदी 49 फीसदी
केरल 62 फीसदी 19 फीसदी
बिहार 58 फीसदी 40 फीसदी
महाराष्ट्र 57 फीसदी 39 फीसदी
Created On :   26 Sept 2018 2:29 PM GMT