फांसी की सजा पाए मां के हत्यारे को मिली बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपनी मां की हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए शख्स को अपनी बेटी के विवाह में शामिल होने की इजाजत दे दी है। मामले में दोषी पाए गए शख्स पर आरोप है कि उसने शराब के नशे में अपनी मां को खाने के इरादे से उसकी हत्या कर दी थी। वर्तमान में फांसी की सजा पाए शख्स को कोल्हापुर जेल में रखा गया है। सोमवार को न्यायमूर्ति एएस गड़करी व न्यायमूर्ति पीडी नाइक की खंडपीठ ने कोल्हापुर जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह जेल में बंद फांसी की सजा पाए शख्स को 23 फरवरी से 25 फरवरी के बीच सुबह नौ बजे से शाम 6 बजे के बीच उसके घर ले जाए। ताकि वह बेटी के विवाह में शामिल हो सके। कोल्हापुर की सत्र न्यायालय ने मामले में आरोपी सुनील कुछकोरवी को इस मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इस सजा की पुष्टि के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की है। जबकि आरोपी ने फांसी की सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। फिलहाल आरोपी व राज्य सरकार की अपील स्वरुप याचिकाएं सुनवाई के लिए प्रलंबित हैं। इस मामले में दोषी ठहराए गए कुछकोरवी ने बेटी की शादी में शामिल होने के लिए एक सप्ताह की अंशकालिक जमानत दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फांसी का सजा पानेवावाले जमानत,फार्लो व पैरोल जैसी राहत पाने का हक नहीं रखते है। इसलिए हम जेल प्रशासन को निर्देश देते है कि वह मौजूदा मामले से जुड़े आवेदनकर्ता (कुछकोरवी ) को सिर्फ तीन दिनों के उसके घर ले जाए। ताकि वह अपनी बेटी की शादी में शामिल हो सके। सुनवाई के दौरान जब खंडपीठ ने आवेदनकर्ता के वकील से पूछा कि हत्या के इस मामले में फांसी की सजा क्यों सुनाई गई है तो जवाब में आवेदनकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता युग चौधरी ने कहा कि उनका मुवक्किल नशे में धुत था। इस दौरान उसने अपनी मां की हत्या की और उसके अंगों को निकालकर टेबल पर रखा था। आवेदनकर्ता ने किस इरादे से अपनी मां की हत्याकी है। यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। इस घटना से पूरा परिवार सदमें में था। उसे सिर दर्द होता था उससे निजात पाने के लिए वह शराब का सेवन करता था। उन्होंने कहा कि आरोपी की माली हालत ठीक नहीं है इसलिए वह उसके साथ जानेवाले पुलिस दल के शुल्क का वहन नहीं कर सकता है। इसके बाद खंडपीठ ने आवेदनकर्ता को पुलिस दल के शुल्क से छूट दे दी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक आवेदनकर्ता ने खाने के इरादे से अपनी मां की हत्या की थी। क्योंकि उसने हत्या के बाद अपनी मां के अंगो को निकालकर टेबल में रखा था।
Created On :   20 Feb 2023 9:38 PM IST