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127वें संशोधन विधेयक का करना था समर्थन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रपुर से कांग्रेस सांसद सुरेश धानोरकर ने मंगलवार को लोकसभा में 127वें संविधान संशोधन विधेयक पर जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए अपने संबोधन में उन्होंने इस विधेयक के पारित हो जाने पर इसके लाभ को तो गिनाया, लेकिन अंत में जब उनका सरकार की आलोचना का स्वर तल्ख हुआ तो वह यह भूल गए कि उन्हें इस बिल का समर्थन करना है। उन्होंने इस बिल का विरोध करते हुए अपनी बात समाप्त की तो सभापति ने तुरंत उनसे पूछ लिया कि वे इस बिल का समर्थन करते हैं या विरोध? तो झट उन्होंने इस बिल को अपना समर्थन जता दिया।
सांसद धानोरकर ने इस बिल की चर्चा के दौरान अपने संबोधन में ओबीसी आरक्षण पर इंद्रा साहनी मामले से लेकर अब तक के सफर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस बिल का मक्सद अनुच्छेद 342ए नें संशोधन है, जिससे राज्य सरकार को अपने उद्देशों के लिए सोशियली एंड एजुकेशनली बैकव र्ड क्लासेस की सूची तैयार करने और बनाए रखने की साफ तौर पर ताकत मिल सके, जिसकी एंट्री सेंट्रल लिस्ट में भिन्न हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो महाराष्ट्र स्टेट फॉर एसईबीसी एक्ट, 2018 को गैर संवैधानिक घोषित करने वाले अपने फैसले में सुप्रीम के अनुच्छेद 342 की व्याख्या को उलट देगा।
सांसद धानोरकर ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस सरकार में धर्म-धर्म में विवाद निर्माण करने का काम आज तक हुआ है। अभी जाति-जाति में वाद-विवाद निर्माण करने का काम किया जा रहा है। लिहाजा वे इस बिल का विरोध करते है। लेकिन जैसे ही सभापति ने उनसे फिर पूछा कि क्या वे इस बिल का सम र्थन या विरोध करते है तो उन्होंने झट कह दिया सर वे इस बिल का समर्थन करते है।
Created On :   10 Aug 2021 9:43 PM IST