मुद्गल ने बताया, परदे पर मां की भूमिका निभाना था चुनौतीपूर्ण

Mudgal told that it was challenging to play role of mother on screen
मुद्गल ने बताया, परदे पर मां की भूमिका निभाना था चुनौतीपूर्ण
मुद्गल ने बताया, परदे पर मां की भूमिका निभाना था चुनौतीपूर्ण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अक्सर यह कहा जाता है कि ‘कोई आपको मां बनना नहीं सिखा सकता,आप तो बस मातृत्व में ढल जाते हैं’। ऐसा ही कुछ मानना है अक्षिता मुद्गल उर्फ गायत्री का, जो कि सोनी सब के पारिवारिक मनोरंजन शो ‘भाखरवड़ी’ में मां की भूमिका निभा रही हैं। अभिजीत (गौतम रोडे) और उसके बेटे कृष्णा (विवान लोढ़ा) की एंट्री के साथ, अचानक ही गायत्री को मातृत्व की जिम्मेदारी मिल जाती है, क्योंकि कृष्णा को लगता है कि गायत्री उसकी मां है। पहले तो गायत्री हैरान रह जाती है, फिर उसके प्रति उस बच्चे का प्यार देखकर आखिरकार वह उससे जुड़ने लगती है। इतनी कम उम्र में मां की भूमिका निभाना कितना मुश्किल रहा इस बारे में पूछने पर अक्षिता कहती हैं, ‘’परदे पर मां की भूमिका निभाना वाकई मेरे लिये भावनात्मक रूप से काफी मुश्किल था। परदे पर मां की भूमिका निभाने के अपने अनुभव के बारे में आगे बताते हुए अक्षिता कहती हैं, गायत्री का जिस तरह का स्वभाव है, कृष्णा से उसका काफी लगाव हो गया है।  मुझे याद है एक सीन होता है, जिसमें कृष्णा मेरी गोद में सो रहा होता है, उसने मुझे बहुत ही जोर से पकड़ा हुआ है और नींद में ही वह गायत्री से पूछता है ‘आप मेरी मां हो ना? भरे दिल से गायत्री उसे हां कहने वाली होती है।

जब डायरेक्टर ने मुझे यह सीन समझाया और मुझसे कहा कि बस उस बच्चे के बारे में सोचो और उसके बाद डायलॉग बोलो। मैं तुरंत ही इमोशनल हो गयी और मुझे रोना आ गया। जब मैंने वह एपिसोड देखा तब भी मैं भावुक हो गयी थी और मेरी आंखों में आंसू आ गये थे। तो, मुझे अहसास हुआ कि मेरे अंदर वह मातृत्व है और मेरा मानना है कि हर लड़की के अंदर ऐसा भाव होता है। इस भूमिका की तैयारियों के बारे में बताते हुए अक्षिता कहती हैं, अपने घर पर हम देखते हैं कि हमारी मांएं किस तरह से हमारा ख्याल रखती हैं और हमें प्यार करती हैं। एक मां ना जाने कितनी ऐसी छोटी-छोटी चीजें करती हैं, यदि हम काम से देर रात घर वापस लौटते हैं, वह हमें जल्दी उठाने के लिये खुद जल्दी उठती हैं। ऐसी कई सारी चीजें हैं जोकि ‘मां’ शब्द के साथ आती हैं, जिसमें प्यार, दुलार, गुस्सा, लगाव जैसी चीजें शामिल हैं। इसलिये, मैंने अपनी ही मां से प्रेरणा ली कि किस तरह वह मेरी और मेरे भाई-बहनों की देखभाल करती हैं। उम्मीद करती हूं कि मैं मां की इस भूमिका के साथ न्याय कर पायी हूं, क्योंकि यह दुनिया में सबसे सच्चे रिश्तों में से एक है।

 

Created On :   7 Jan 2020 9:14 PM IST

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