मुंबई भाजपा का मनपा चुनाव में 150 सीटें जीतने का संकल्प

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा ने आगामी बृह्नमुंबई महानगरपालिका (मुंबई मनपा) चुनाव में 150 सीटें जीतने का संकल्प लिया है। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा का बालासाहेबांची शिवसेना और सहयोगी दलों के साथ मिलकर मुंबई मनपा की 150 सीटें जीतने का लक्ष्य है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि मुंबई में पार्टी के लिए अभी नहीं तो कभी नहीं वाली स्थिति है। हमें मुंबई मनपा चुनाव के महायुद्ध को जीतना है। पूरे देश की नजर मुंबई मनपा चुनाव पर है। रविवार को दादर स्थित वसंत स्मृति कार्यालय में मुंबई भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार के साथ पार्टी के विधायक, सांसद, मंत्री, पूर्व नगरसेवक और पदाधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में मुंबई भाजपा ने मिशन 150 का नारा दिया। मुंबई मनपा में 227 सीटें हैं। बैठक के समापन सत्र में बावनकुले ने कहा कि भाजपा के पास विश्व का सबसे बड़ा नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। राज्य में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नेतृत्व है। मुझे विश्वास है कि पार्टी के कार्यकर्ता मेहनत करेंगे तो मुंबई में हमें 200 से अधिक सीटें भी मिल जाएंगी। आगामी मुंबई मनपा के चुनाव में भाजपा के पुराने सभी रिकार्ड टूट जाएंगे। बावनकुले ने कहा कि मुंबई मनपा की सत्ता कई दशकों से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कब्जे में है लेकिन मुंबई का योजना बद्ध तरीके से विकास नहीं हो पाया है। इसलिए विकास का विजन रखने वाली भाजपा की सत्ता मुंबई में होना जरूरी है। बावनकुले ने कहा कि मुंबई को अगले पांच सालों में विश्व और देश का सबसे अच्छा शहर बनाने के लिए भाजपा का महापौर होना आवश्यक है। इससे पहले शनिवार को नाशिक में हुई प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक में साल 2024 के लोकसभा चुनाव में 45 से अधिक और विधानसभा चुनाव के लिए 200 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए महाविजय संकल्प लिया गया था।
उद्धव का लिखा आदेश दिखाओ और एक हजार रुपए पाओ
बावनकुले ने कहा कि मैंने पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के जेब में कभी कलम (पेन) नहीं देखा था। मेरी चुनौती है कि मुझे कोई भी उद्धव का किसी भी पत्र पर लिखा आदेश दिखाए और मुझसे एक हजार रुपए ले जाए। उद्धव के जेब में कलम न होना महाविकास आघाड़ी सरकार गिरने का मुख्य कारण है। क्योंकि सत्तारूढ़ दल के विधायक उनके पास जाते थे। तो उद्धव कभी विधायकों के पत्र पर कोई आदेश नहीं लिखते थे। उद्धव ने अपने शासनकाल में एक भी पत्र पर आदेश नहीं लिखा था।
Created On :   12 Feb 2023 7:40 PM IST