राज्य में तृतीयपंथियों के लिए जीटी अस्पताल में बना पहला वार्ड

डिजिटल डेस्क, मुंबई। तृतीयपंथियों के लिए राज्य का पहला वार्ड मुंबई के गोकुलदास तेजपाल अस्पताल में खुला है। शुक्रवार को शुरू किए गए इस वार्ड में तृतीयपंथी सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक परेशानियों के इलाज के लिए भी भर्ती किए जा सकेंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के करीब स्थित जीटी अस्पताल के इस वार्ड में तृतीयपंथियों के लिए 30 बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं। जेजे अस्पताल की डीन डॉक्टर पल्लवी सापले ने बताया कि वार्ड में काम करने वाले सभी लोगों को जागरुक किया गया है अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों को समझाया गया है कि वे तृतीयपंथियों से असंवेदनशील सवाल करने से बचें । जांच और ड्रेसिंग रुम अलग रखा गया है जिससे तृतीयपंथियों को असुविधा न हो और उनकी निजता का सम्मान बना रहे। वार्ड में शौचालय भी इस तरह का है जिसका वे आसानी से इस्तेमाल कर सकें। तृतीयपंथियों के रिश्तेदार भी अस्पताल में उन्हें देखने आ सकते हैं लेकिन मुलाकात के समय एक बार में एक व्यक्ति को ही मरीज के पास जाने की इजाजत होगी। फिलहाल यहां तृतीयपंथी अपनी सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए भर्ती हो सकते हैं लेकिन फिलहाल यहां लिंग परिवर्तन की सुविधा नहीं है। यहां भर्ती होने वाले तृतीयपंथी मरीज जरूरी कागजात के आधार पर महात्मा फुले/प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजनाओं का भी लाभ ले सकते हैं। उत्तर प्रदेश में तृतीय पंथियों के लिए पांच बिस्तरों वाला पहला वार्ड बनाया गया है इसके बाद मुंबई में बना वार्ड दूसरा है जहां तृतीयपंथी अपना इलाज करा सकेंगे। सरकार राज्य के कई अस्पतालों में तृतीयपंथियों के लिए अलग वार्ड बनाने की कोशिश में है। पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज में भी इसी तरह का अलग वार्ड बनाने के लिए प्रस्ताव रखा गया है। इलाज की जरूरत महसूस होने के बावजूद कई बार भेदभाव के डर से अस्पताल में नहीं दाखिल होते। उम्मीद है अलग वार्ड ने उनके मन का डर दूर होगा।
Created On :   3 Feb 2023 10:36 PM IST