बिना चर्चा किए मनपा ने दे दिया कचरा उठाने का ठेका, दोनों पक्षों ने साधी चुप्पी

Muncipal corporation gave the contract to pick up the garbage without discussion
बिना चर्चा किए मनपा ने दे दिया कचरा उठाने का ठेका, दोनों पक्षों ने साधी चुप्पी
बिना चर्चा किए मनपा ने दे दिया कचरा उठाने का ठेका, दोनों पक्षों ने साधी चुप्पी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में दो नई कंपनी मे. एजी एन्वॉयरो इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. और मे. बीवीजी इंडिया लि. को कचरा उठाने का नया ठेका मिला है। दोनों कंपनी से करार को मंजूरी देने का प्रस्ताव मनपा की आमसभा में रखा गया। इस मामले में मनपा का पिछला अनुभव खराब रहा है यानी कचरा उठाने वाली कनक रिर्सोसेस कंपनी से समय-समय पर मनपा को धोखा मिला है। शहर में कचरे की समस्या भीषण होती गई। इसे लेकर  उसे कई बार नोटिस जारी किया गया और दंडात्मक कार्रवाई भी हुई।  लेकिन मनपा सत्तापक्ष-विपक्ष ने इससे भी कोई सबक नहीं लिया। दोनों नई कंपनियों से किए जा रहे  करार पर मनपा सभागृह में चर्चा करने के बजाय उसे आसानी से मंजूरी प्रदान कर दी गई। सत्तापक्ष या विपक्ष के सदस्यों ने ‘करार’ का ‘क’ तक नहीं पूछा। बिना चर्चा शहर का कचरा उठाने का करार दो अनजान कंपनी को दिए जाने से कई सवाल उठ रहे हैं। सत्तापक्ष-विपक्ष के सदस्यों की चुप्पी पर संदेह जताया जा रहा है।

दो कंपनी को बांटे पांच-पांच जोन
15 नवंबर 2019 को आखिरकार कनक को शहर की सेवा से बाहर किया गया। उसकी जगह दो कंपनी मे. ए.जी. एन्वॉयरो इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. और मे. बीवीजी इंडिया लि. को नियुक्ति किया गया। दोनों कंपनी को कचरा संकलन के लिए पांच-पांच जोन बांटकर दिए गए। दोनों कंपनी ने 15 नवंबर के बाद अपना काम भी शुरू कर दिया। लेकिन आधिकारिक रूप से दोनों कंपनी से करार को मंजूरी नहीं मिल पायी थी। सभागृह की मंजूरी आवश्यक थी। इसलिए सोमवार को मनपा की आमसभा में दोनों कंपनी से करार को मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा गया। अपेक्षा थी कि पिछले अनुभव को देखते हुए सत्तापक्ष-विपक्ष के सदस्य ‘करार’ में उल्लेखित बातों को लेकर सवाल-जवाब करेंगे। लेकिन दोनों ओर से करार का ‘क’ तक नहीं पूछा गया।

यह भी नहीं पूछा गया कि कंपनी से करार में क्या-क्या बातें हैं या कंपनी को पहले किस तरह का अनुभव रहा, उसके पास क्या-क्या जिम्मेदारी है। विरोधी पक्षनेता तानाजी वनवे, कांग्रेस सदस्य जुल्फेकार भुट्टो, बसपा सदस्य जितेंद्र घोडेस्वार ने सवाल किया। सवाल के जरिये शहर में कचरे की समस्या, कनक के कर्मचारियों का पुनर्वसन नहीं होने और प्रभागों में गाड़ियां नहीं आने की शिकायत की गई। लेकिन करार का उल्लेख तक सदस्यों के सवालों में नहीं था। दोनों ओर से करार पर कोई सवाल नहीं आने के बाद इसे महापौर संदीप जोशी ने प्रस्ताव को एकमत से  मंजूरी प्रदान की। ऐसे में सत्तापक्ष-विपक्षी नेताओं की करार पर चुप्पी से संदेह और गहरा गया है। 

पहले की कंपनी ने उठाया फायदा
गत 15 वर्षों से शहर में कनक रिर्सोसेस कंपनी कचरा संकलन का काम कर रही थी। कंपनी से किए गए करार में कुछ खामियां थीं, जिस कारण मनपा को उसे ढोना मजबूरी बन गया था। इसका फायदा कनक ने खूब उठाया। कभी गाड़ियां कम लगाना, शहर से अनेक जगहों से कचरा नहीं उठाना, कचरे की जगह गाड़ियों में मिट्टी भरकर ले जाना आदि अनेक लापरवाही सामने आती रहीं। समय-समय पर मनपा ने उसे नोटिस भी दिया और दंडात्मक कार्रवाई भी की। लेकिन उससे करार नहीं तोड़ पाई। 

सत्तापक्ष की बैठक में हुई थी चर्चा 
दोनों कंपनी से करार को लेकर सत्तापक्ष की बैठक में चर्चा हुई थी। इसलिए सभागृह में सत्तापक्ष की ओर से किसी ने सवाल नहीं किया। विपक्ष ने समस्याओं पर सवाल किए। करार पर किसी ने पूछा नहीं। इसलिए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई। हालांकि कंपनी के काम से मैं अभी भी संतुष्ट नहीं हूं।  - संदीप जोशी, महापौर

Created On :   21 Jan 2020 7:43 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story