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Nagpur News: मनपा लाचार - सवाल उठा आखिर किसके संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध होर्डिंग कारोबार

- जानलेवा होर्डिंग मामले में मनपा लाचार
 - 35 से अधिक एजेंसियों को अनुमति
 - मई 2024 में हुई थी होर्डिंग्स की जांच
 
Nagpur News. शहर के सिग्नल, चौराहे और फुटपाथ अब नागरिकों की सुविधा की बजाय दुविधा का सबब बन गए हैं। इन जगहों पर लगे अवैध होर्डिंग आम नागरिकों तथा वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। महानगर क्षेत्र में होर्डिंग और विज्ञापनों को नियंत्रित करने तथा इन्हें लगाने की अनुमति देने का दायित्व मनपा के विज्ञापन विभाग का है। दावा है कि निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के तहत ही उपराजधानी में होर्डिंग को अनुमति दी जाती है। इसके बावजूद शहर में विभिन्न जगहों पर अवैध होर्डिंग की भरमार देखने को मिलती है। शहर में यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी के समीप सिग्नल, वीआईपी रोड के फुटपाथ और रास्तों पर मनमाने तरीके से ऐसे अवैध होर्डिंग देखने को मिल रहे हैं। जागरूक नागरिक पूछ रहे हैं कि आखिर किसके संरक्षण में यह अवैध होर्डिंग कारोबार इतनी तेजी से फल-फूल रहा है? क्या कोई खास वजह है, जिसके आगे मनपा अधिकारियों को लाचार होकर महज कागजी खानापूर्ति से काम चलाना पड़ रहा है।
35 से अधिक एजेंसियों को अनुमति
हैरानी की बात यह है कि इतना सब होने के बावजूद मनपा के विज्ञापन और आकाशचिह्न विभाग ने शहर में अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई का दावा किया है, लेकिन इन सड़कों से गुजरते हुए सच्चाई दिख जाती है। अनेक स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग अब भी नजर आ रहे हैं। मनपा के विज्ञापन विभाग ने लगभग 35 से अधिक एजेंसियों को होर्डिंग लगाने की अनुमति दे रखी है। कई मर्तबा राजनीतिक दलों से जुड़े बड़े-बड़े विज्ञापन फलक अचानक दिख जाते हैं। इन फलकों को लगाने वाली एजेंसी, शुल्क भुगतान और मजबूत संरचना को लेकर कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है। इन होर्डिंग्स से नागरिकों को जान का खतरा भी बन सकता है। मनपा लगातार कार्रवाई का दावा करती है, फिर भी अवैध होर्डिंग्स प्रमुख रास्तों, चौराहों और फुटपाथ पर बने हुए हैं। संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए मनपा प्रशासन पल्ला झाड़ लेता है।
मई 2024 में हुई थी होर्डिंग्स की जांच
राज्य सरकार के आदेश पर मई 2024 में मनपा क्षेत्र के होर्डिंग्स की जांच हुई थी। इस दौरान होर्डिंग्स के शुल्क भुगतान, समयावधि और सुरक्षा संबंधी मजबूती से जुड़े पहलुओं की जांच की गई थी। जांच के लिए मनपा से दो पथक तैयार किए गए थे। जांच के दौरान धरमपेठ के कॉफी हाउस चौक पर जर्जर इमारतों और रायल्टी राशि का भुगतान नहीं होने पर 5 से अधिक होर्डिंग्स हटाए गए थे। यशवंत स्टेडियम के समीप भी कमजोर संरचना के होर्डिंग को हटाया गया था। नियमों के तहत होर्डिंग्स की अनुमति के साथ मजबूत संरचना का प्रमाणपत्र भी देना आवश्यक है, लेकिन अनेक स्थानों पर बगैर अनुमति के ही होर्डिंग्स लगा दिए जाते हैं।
जानकारी मिलते ही की जाती है कार्रवाई
मिलिंद मेश्राम, उपायुक्त, कर विभाग मनपा के मुताबिक विज्ञापन एजेंसी को पहले मजबूत संरचना प्रमाणपत्र के साथ शुल्क भुगतान की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। इसके बाद ही उन्हें होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जाती है। कोई एजेंसी यदि बगैर लाइसेंस शुल्क भुगतान के होर्डिंग लगाए, तो इसकी जानकारी मिलते ही कार्रवाई की जाती है। शहर में अनुमति प्राप्त होर्डिंग्स पर क्यूआर कोड सिस्टम को भी लगाया गया है। इसके कारण होर्डिंग्स की अनुमति समेत पूरी प्रक्रिया की जानकारी मिल जाती है।
Created On :   3 Aug 2025 5:53 PM IST













