- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- दिव्या की सफलता युवाओं को प्रेरित...
Nagpur News: दिव्या की सफलता युवाओं को प्रेरित करेगी, खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी सरकार

- स्वर्ण पदक जीतने वाली दिव्या देशमुख का नागरिक सत्कार
- जीवन में ऐसे पल बहुत कम मिलते हैं
- सीजेआई गवई ने दिव्या के घर जाकर बधाई दी
Nagpur News. विश्वकप शतरंज का स्वर्ण पदक जीतने वाली दिव्या देशमुख का नागरिक सत्कार किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हमेशा खेल और खिलाड़ी को प्राथमिकता दी है। खिलाड़ी बड़े लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं। इसके लिए तकनीकी प्रशिक्षण, स्वस्थ आहार और विदेशी प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन आवश्यक है। महाराष्ट्र की सरकार खिलाड़ियों के पीछे मजबूती के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि दिव्या की यह शानदार सफलता देश के हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी।
नागरिक अभिनंदन
स्कूली शिक्षा एवं खेल विभाग तथा महाराष्ट्र शतरंज संघ के सहयोग से सुरेश भट सभागृह में आयोजित समारोह में दिव्या देशमुख का नागरिक अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री ने दिव्या को सम्मानित किया और उन्हें 3 करोड़ रुपए का पुरस्कार प्रदान किया। महाराष्ट्र शतरंज संघ ने 11 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया। उन्हें खासदार क्रीड़ा महोत्सव आयोजन समिति ने भी सम्मानित किया। समारोह में क्रीड़ा मंत्री एड. माणिकराव कोकाटे, वित्त एवं योजना राज्य मंत्री एड. आशीष जायसवाल, विधायक संदीप जोशी, अभिजीत वंजारी, प्रवीण दटके, कृष्णा खोपड़े, महाराष्ट्र शतरंज संघ के अध्यक्ष डॉ. परिणय फुके, खेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल दिग्गीकर, क्रीड़ा आयुक्त शीतल तेली-उगले, पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र सिंगल, मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी, जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनि, दिव्या के पिता डॉ. जितेंद्र देशमुख, माता डॉ. नम्रता देशमुख आदि उपस्थित थे।
दिव्या ने शतरंज को नई ऊंचाई दी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि ग्रैंडमास्टर दिव्या की सफलता विश्व शतरंज के मानचित्र पर अंकित हो गई है। विश्व चैंपियनों को हराकर दिव्या ने भारतीय शतरंज को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। शतरंज केवल बुद्धि का खेल नहीं है। यह साहस, धीरज और भविष्य के बारे में सोचने तथा रणनीति तय करने का खेल है। दिव्या के खेल में इन सभी गुणों का अद्भुत सम्मिश्रण देखने को मिलता है। दिव्या को विश्वकप विजेता बनने की ढेरों शुभकामनाएं। बेटियां दुनिया जीत सकती हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्या ने छोटी सी उम्र में बिना विचलित हुए अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया और बड़ी सफलता हासिल की है। शतरंज में चीन के दबदबे को विश्वकप में कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख ने तोड़ा। दिव्या आगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगी, ऐसी शुभकामनाएं हैं। क्रीड़ा मंत्री एड. कोकाटे ने कहा कि अगर बेटियों को अवसर, उचित प्रशिक्षण और प्रेरणा मिले, तो वे दुनिया जीत सकती हैं। दिव्या ने इस बदलाव को साबित किया है। क्रीड़ा अायुक्त आयुक्त शीतल तेली उगले ने कार्यक्रम की शुरुआत की। ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
जीवन में ऐसे पल बहुत कम मिलते हैं
दिव्या ने फाइनल के टाईब्रेकर में हमवतन कोनेरू हम्पी को हराया, जिससे वह खिताब जीतने के साथ ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। दिव्या ने सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री और नागपुर के लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जीवन में ऐसे पल बहुत कम ही मिलते हैं। यह मेरे लिए बहुत खास पल है। मुझे बहुत खुशी है कि मैं बच्चों के लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा का एक छोटा सा हिस्सा बन सकी। मुझे बहुत खुशी हो रही है। विश्वकप विजेता बनना एक पड़ाव है, मुझे और आगे तक सफर करना है।
सीजेआई गवई ने दिव्या के घर जाकर बधाई दी
भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने शनिवार को दिव्या के घर जाकर बधाई दी। मुख्य न्यायाधीश अमरावती से हैं। दिव्या के दादा स्वर्गीय डॉ. के.जी. देशमुख कभी संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के कुलपति थे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उनके पिता और स्वर्गीय के.जी. देशमुख बहुत करीबी दोस्त थे। हम एक परिवार की तरह पले-बढ़े हैं। यहां आना मेरे लिए पुरानी यादों को ताजा करने जैसा था। मैं 50-55 साल पीछे चला गया। मैंने फिर से सभी पुरानी यादों को ताजा किया। यह मेरे लिए लंबे समय के बाद सबसे मिलने का शानदार मौका है। मैं यहां दिव्या को अपनी शुभकामनाएं देने आया हूं।
Created On :   3 Aug 2025 5:41 PM IST