हर महीने 105 बाल मृत्यु, 55 शिशु की गर्भाशय में ही मौत, जानिए क्या है कारण

Nagpur- 105 child deaths every month, 55 babies died in uterus
हर महीने 105 बाल मृत्यु, 55 शिशु की गर्भाशय में ही मौत, जानिए क्या है कारण
हर महीने 105 बाल मृत्यु, 55 शिशु की गर्भाशय में ही मौत, जानिए क्या है कारण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिशु की गर्भाशय में मौत और बालमृत्यु के मामले चिंताजनक हो रहे हैं। पिछले 6 महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर महीने औसतन 105 बालक मौत के शिकार हो रहे हैं। वहीं, जन्म से पहले गर्भाशय में दम तोड़ने वालों की संख्या औसत 55 है। बालमृत्यु तथा गर्भाशय में मौत के अनेक कारण बताए जाते हैं। बालमृत्यु के मामलों में समय से पहले जन्म एक बड़ा कारण माना जाता है।  

बाल मृत्यु के प्रमुख 4 कारण 

भारत में प्रमुख चार बीमारियों के चलते पांच वर्ष तक उम्र के बच्चों को जान से हाथ धोना पड़ता है। इसमें प्री-मेच्योर एंड निओनेटल बर्थ काम्प्लीकेशन यानी समय से पहले जन्म की जटिल समस्या है। इस समस्या से 39 प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती है। दूसरा करण निमोनिया है। इस बीमारी के चलते 14.9 प्रतिशत बच्चे मौत के किकार हो जाते हैं। तीसरा कारण डायरिया है, जिससे 9.8 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु होती है। चौथा कारण सेप्सिस है, जिसके कारण 7.9 प्रतिशत बच्चों की जान चली जाती है। पांचवां कारण कुपोषण, टीकाकरण, शुद्ध पेयजल की कमी है। समय से पहले जन्म की जटिलता पैदा होने के पीछे अधिक उम्र में विवाह सबसे बड़ी समस्या है। उसी तरह गर्भावस्था दौरान माता को पोषक तत्व नहीं मिलने से गर्भ में पलने वाला बच्चा कमजोर पैदा हाेता है। जन्म के बाद स्तनपान में लापरवाही शिशु के स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित होती है। उसकी रोग प्रतिकारक शक्ति कम रहने से अनेक बीमारियां हावी हो जाती हैं। 

इस वर्ष    जन्म पूर्व मृत्यु           बालमृत्यु
अप्रैल              52                      95
मई                 39                     110
जून                50                     107
जुलाई             61                     102
अगस्त            67                     109
सितंबर           83                      109
कुल               332                     632

Created On :   17 Nov 2019 4:43 PM IST

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