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सुरुची अग्निकांड : पांचवें माले तक फैली आग, चार दमकलकर्मी घायल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुरुची मसाला कंपनी में हुए भीषण अग्निकांड ने विकराल रूप धारण कर लिया है। आग पांचवें माले तक फैल गई है। बचाव कार्य के दौरान दमकल विभाग के चार कर्मचारी घायल हो गए हैं। दूसरे दिन मंगलवार को भी आग धधकती रही। 40 हजार मासलों के बोरे जलकर खाक हो गए हैं। इस पर नियंत्रण पाने में लगभग 15 दिन लग सकते हैं। आग से इमारत क्षतिग्रस्त हो गई है, जो कभी भी गिर सकती है। हादसे में करोड़ों रुपए का नुकसान बताया जा रहा है। आग शार्ट-सर्किट अथवा गर्मी की वजह से लगने का अनुमान लगाया जा रहा है। घटना को लेकर संदेह भी व्यक्त किया जा रहा है।
हादसे में 40 हजार बोरों में भरकर रखा गया माल पूरी तरह से जलकर खाक हो गया है। इसमें करोड़ों रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। हादसे की वजह शार्ट-सर्किट अथवा गर्मी के कारण मिर्ची के बाेरों में आग लगना बताया जा रहा है। इसके पहले भी 8 मई 2013 में इसी कंपनी में भीषण अग्निकांड हो चुका है। वह कोल्ड स्टोरेज नष्ट किया गया है। उस वक्त भी कंपनी में पर्याप्त अग्निमशन व्यवस्था नहीं थी। इसलिए दमकल ने कंपनी को पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए नोटिस जारी किया था, इसके बावजूद हालात अब भी वही हैं।
दमकलकर्मी सुरेश दिनेकर, रोशन कावरे, राजू पवार और योगेश खोड़के गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये लोग पहले और ऊपरी माले पर बचाव कार्य में जुटे हुए थे। पहले माले पर स्थित बंद कोल्ड स्टोरेज का गेट जैसे ही लात मारकर खोला गया, वैसे ही आग की लपटें इन कर्मियों को अपनी चपेट में ले लीं। हड़बडाहट में ये लोग पहले माले से मिर्ची के बोरों से फिसलकर नीचे गिर पड़े, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इससे कुछ समय के लिए अफरा-तफरी मची रही। मौके पर कलमना पुलिस और क्यूआरटी को भी आपात स्थिति से पिटने के लिए तैनात किया गया था।
भंडारा रोड स्थित महालगांव कापसी में सुरुची मसाला की कंपनी है। सोमवार की दोपहर करीब 2 बजे कंपनी के पांच मंजिला कोल्ड स्टोरज में आग लग गई। हवा का रुख तेज होने से आग ने पूरे पांच मंजिला कोल्ड स्टोरेज को अपनी चपेट में ले लिया। परिसर में चारों और आग की लपटें और धुआं ही धुआं था। मिर्ची, हल्दी, धनिया, जीरा आदि मसालों में आग लगने से दमकल को बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं, फिर भी जान हथेली पर लेकर 24 घंटे बाद भी दमकलकर्मी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। इसके बाद भी आग पर नियंत्रण नहीं पा सके। अमोनिया गैस की वजह से रुक-रुक कर आग की लपटें उठ रही थीं। चारों तरफ से पानी की बैछारें छोड़ने के बाद भी आग कम नहीं हो रही थी, जिसके चलते दोपहर बाद दमकल ने अपना बचाव कार्य कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया था।
भीषण आग के कारण इमारत में लगे लोहे पिघल गए हैं। दीवारों में भी दरारें पड़ गई हैं। इससे इमारत गिरने की संभावना मुख्य दमकल अधिकारी राजेंद्र उचके ने व्यक्त की है। उनका कहना है कि वैसे तो इमारत पक्की है, लेकिन इसके बाजू में बना शेड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। वह नहीं भी गिरा, तो उसे गिराना जरूरी है। अन्यथा इससे भी ज्यादा जान माल की हानि हो सकती है। कार्रवाई में उप मुख्य अधिकारी वी.पी. चंदनखेड़े, लकड़गंज थाना अधिकारी मोहन गधने, शक्करदरा थाना अधिकारी सुनील डोकरे, कॉटन मार्केट थाना अधिकारी आर. बर्डे, सुगत नगर, उपशमन अधिकारी आर. बुरनासे, आपत्ति व्यवस्था बन अधिकारी सुनील राऊत, केशव कोठे, सेवानिवृत्त अधिकारी डी. जी. निम्बाडकर शामिल थे।
Created On :   16 April 2019 5:35 PM GMT