निशाने पर नागपुर मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे, कार्यप्रणाली पर नाराजगी

Nagpur Manpa commissioner Tukaram Munde on target
निशाने पर नागपुर मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे, कार्यप्रणाली पर नाराजगी
निशाने पर नागपुर मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे, कार्यप्रणाली पर नाराजगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का भी उतना ही महत्व है, जितना प्रशासन का। जनप्रतिनिधि जनता के प्रतिनिधि होते हैं। जनहित का काम करते समय प्रशासन को जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेना चाहिए। नागपुर के सांसद व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे के एकतरफा निर्णय और जनप्रतिनिधियों के साथ किए जा रहे बर्ताव पर निशाना साधा। श्री गडकरी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस शहर का सांसद होने के बावजूद किसी भी बड़े प्रकल्प पर निर्णय लेते समय मुझे भी विश्वास में नहीं लिया गया।  

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का लोकतंत्र में सम्मान होना चाहिए। महापौर, उपमहापौर, स्थायी समिति सभापति, नगरसेवक व्यक्तिगत नहीं, वे जनता के प्रतिनिधि हैं। पदभार संभालने के बाद भी आयुक्त मुंढे 15 दिन तक महापौर से नहीं मिले।

नगरसेवकों से मुलाकात नहीं करते हैं। नगरसेवकों को तीन-तीन घंटे बाहर खड़े रखते हैं। विधायकों से अच्छा बर्ताव नहीं हैं। उनकी अनेक शिकायतें हैं। वे पालकमंत्री की बैठक में भी उपस्थित नहीं रहते हैं।

मैं नागपुर का सांसद हूं। स्मार्ट सिटी का प्रकल्प मैं खुद लेकर आया हूं। भारत सरकार के पैसे हैं। प्रकल्प में बदलाव करते समय मुझसे एक बार भी बातचीत नहीं की गई। जनप्रतिनिधियों से अपमानजनक बर्ताव ठीक नहीं है।

मैं भी सब देख रहा हूं : संदीप जोशी महापौर हैं। कल दूसरा कोई होगा। महापौर का अपमान, जनता का अपमान है। वे नियमानुसार निर्णय लें, कठोर निर्णय लें, लेकिन निर्णय लेते समय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेना चाहिए। जो अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें नहीं रोका है, लेकिन जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करना उचित नहीं। जो हुआ, वह दु:खद है। सभी बातों पर मेरी बारीक नजर है।

स्मार्ट सिटी सेक्रेटरी ने भी मुंढे की चेयरमैन से शिकायत की

मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे पर स्मार्ट सिटी का प्रभारी सीईओ बने रहने के लिए हथकंडे अपनाने का आरोप है। मामला बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की सभा से संबंधित है। स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कंपनी की सेक्रेटरी भानुप्रिया ठाकुर ने संबंधित प्रकरण की जानकारी पत्र के माध्यम से स्मार्ट सिटी के चेयरमैन को दी है। पत्र में खुलासा किया गया है कि तत्कालीन सीईओ रामनाथ सोनवने के इस्तीफे पर रिमार्क के अनुसार ‘आप’ ने आयुक्त को सीईओ नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं या अतिरिक्त प्रभार सौंपा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। इस संबंध में मार्गदर्शन के लिए मेल किया था। जवाब नहीं मिला है। 

पत्र में कहा है कि पूर्णकालीन सीईओ की नियुक्ति होने तक प्रभारी नियुक्ति किए जाने और उसे आगे भी जारी रखने के लिए नोटशीट बनाकर संचालक मंडल की सभा की विषय पत्रिका में रखने के लिए मुंढे और मुख्य लेखा अधिकारी मोना ठाकुर दबाव बना रहे हैं। पत्र के अनुसार एक सप्ताह से संचालकों को झूठी जानकारी देने का आरोप लगाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। यही नहीं, कक्ष में बार-बार बुलाकर सभी कर्मचारियों के सामने अपमानित किया गया। उन्हें सीईओ स्वीकार नहीं करने पर इस्तीफा देने के लिए धमकाया जाता है। पिछले 4 महीने में लिए गए गलत निर्णय को नियम के दायरे में लाने के लिए संचालक मंडल की सभा की विषय पत्रिका में कुछ विषय शामिल करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

मातृत्व अवकाश से भी वंचित रखा 

उन्हें मातृत्व अवकाश से भी वंचित रखा जाने का पत्र में गंभीर आरोप लगाया गया है। काेरोना संक्रमण काल में मातृत्व आवकाश से लौट आने के लिए बाध्य किया गया। मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं देने की शर्त पर ज्वाइन किया गया। इस विषय पर मनपा की आमसभा में नगरसेवक दयाशंकर तिवारी ने प्रश्न उपस्थित कर आयुक्त पर महिला अधिकारी के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया था। 

सोमवार को जानकारी लूंगा

प्रवीण परदेशी, चेयरमैन, स्मार्ट सिटी के मुताबिक इस मामले की अभी पूरी जानकारी नहीं है। सोमवार को गंभीरता से संज्ञान लेकर इस मामले की तस्दीक करूंगा।

Created On :   28 Jun 2020 9:08 AM GMT

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