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दैनिक भास्कर हिंदी: स्मार्ट सिटी रैंकिंग में अहमदाबाद को पछाड़कर नागपुर बना अव्वल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर ने स्मार्ट सिटी रैंकिंग में सबको पछाड़ते हुए प्रथम स्थान हासिल किया है। केंद्र सरकार के गृहनिर्माण व शहरी विकास मंत्रालय की साप्ताहिक रैंकिंग में नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को साप्ताहिक रैंकिंग में पुन: प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। करीब 4 माह की कड़ी मेहनत व सतत् प्रयासों से नागपुर को यह गौरव प्राप्त हुआ है। इसके पूर्व अप्रैल में नागपुर ने अहमदाबाद को पीछे छोड़ दिया था।
1045 किमी का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क
योजना से शहर का चेहरा-मोहरा बदल रहा है। स्मार्ट सिटी प्रकल्प अंतर्गत शहर में 1045 कि.मी. क्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क तैयार किया गया है। 700 जंक्शन्स पर 3600 सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा लगाए गए हैं। इसके अलावा 136 जगह पर वाई-फाई शुरू किया गया है। 40 हजार लोग इसके जरिए इंटरनेट सेवा का लाभ ले सकते हैं। इसमें आधा घंटा फ्री इंटरनेट सुविधा मिलेगी। शासकीय कामकाज के लिए कभी भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल एक दिन में 38 हजार लोगों ने इसका उपयोग किया है।
स्मार्ट सिटी मिशन में 21 प्रोजेक्ट पर कार्य
नागपुर स्मार्ट एंड सस्टनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 21 प्रकल्पों पर कार्य जारी है। करीब 51 कि.मी. मार्गों का निर्माण किया जा रहा है। नागपुर सेफ स्मार्ट एंड सिटी के तहत शहर में 3600 सीसीटीवी विविध स्थानों पर लगाए गए हैं। सीसीटीवी के माध्यम से नागपुर पुलिस को अपराधियों पर नियंत्रण करने, सिग्नल तोड़ने वालों पर कार्रवाई करने में मदद मिल रही है। आपत्ति व्यवस्थापन में भी इनका सहयोग मिल रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत पारडी, भरतवाड़ा, पुनापुर व भांडेवाड़ी क्षेत्र में 1730 एकड़ में विकास कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। केंद्र व राज्य सरकारों के माध्यम से 3322 करोड़ रुपए के कार्य किए जाएंगे।
अहमदाबाद से 2.13 अंक ज्यादा
शनिवार को घोषित रैंकिंग में नागपुर 364.47 अंक हासिल करके प्रथम स्थान पर है, जबकि अहमदाबाद 362. 34 अंकों के साथ द्वितीय स्थान पर है। नागपुर को उसके मुकाबले 2.13 अंक अधिक हासिल हुए हैं। केंद्र सरकार प्रति सप्ताह 100 स्मार्ट मिशन के शहरों की रैंकिंग घोषित करता है। केंद्र गृहनिर्माण व शहरी विकास मंत्रालय द्वारा हर सप्ताह स्मार्ट सिटी की रैंकिंग जारी की जाती है। पिछले साल 2018 नागपुर स्मार्ट सिटी रैंकिंग में पहले स्थान पर आया था। इसके बाद नागपुर दूसरे स्थान पर बना था। हाल में अप्रैल महीने में नागपुर ने फिर बाजी मारकर पहला स्थान प्राप्त किया था। तत्पश्चात फिर अहमदाबाद शहर आगे निकल था। लगभग चार महीने बाद अब फिर नागपुर स्मार्ट सिटी का चेहरा बनकर सामने आया है।
2635 करोड़ के प्रकल्प प्रस्तावित
स्मार्ट सिटी योजना का उद्देश्य जीवन स्तर ऊंचा उठाने सहित तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल और नागरिकता के भाव में बढ़ोतरी करना है। मनपा निर्वाचित संस्था है। निर्णय प्रक्रिया में समय लगता है। इसलिए सरकार ने नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड अंतर्गत स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) कंपनी का गठन किया है। एसपीवी में 15 सदस्य हैं। योजना अंतर्गत 2635 करोड़ रुपए के प्रकल्प प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के विशेष योगदान के कारण तेजी से काम हो रहा है। फिलहाल नागपुर सेफ एंड स्मार्ट सिटी प्रकल्प क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रकल्प के लिए 520 करोड़ खर्च अपेक्षित है। राज्य सरकार ने 394 करोड़ व नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने 126 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
वनमाली सृजनपीठ: बाल कलाकारों द्वारा राम भजन की मनमोहक प्रस्तुति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्वरंग के अन्तर्गत बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वनमाली सृजनपीठ में रामभजन माला का आयोजन किया गया, जिसमें राम के भजनों की सुन्दर प्रस्तुति बच्चों के द्वारा दी गयी। कार्यक्रम का आरम्भ मालविका राव चतुर्वेदी के भजन- 'श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन' से हुआ। इसी कड़ी में स्वरा वत्स ने राम के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए 'राम-राम दशरथ नन्दन राम' भजन से सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मोही और जयगी ने 'राम-राम सब नाम जपो', रेखा ने राग ख्याल में छोटे 'ख्याल' और कियारा ने 'राम भजो आराम तजो', निवेदिता सोनी ने 'श्याम का गुणगान करिये ' गाकर माहौल को राममय कर दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में मालविका द्वारा मीराबाई का प्रसिद्ध भजन 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' और स्वरा ने श्याम कन्हाई गाकर राम के साथ कृष्ण भक्ति से भी परिचय कराया। बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने 'राम भक्त ले चला राम की निशानी' और अन्य भजन गाकर बच्चों का हौसला बढ़ाया। इसके बाद सभी बच्चों की संगीत गुरु श्यामा ने अपना स्वचरित भजन 'राम नाम सुखदायक' की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, गेटसेट पेरेंट की निदेशक पल्लवी राव चतुर्वेदी, विश्वरंग की सहनिदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, नितिन वत्स, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की सम्पादक डॉ. विनीता चौबे, प्रभा वर्मा, वनमाली सृजनपीठ की राष्ट्रीय संयोजक ज्योति रघुवंशी, टैगोर विश्वकला केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय सहित बच्चों के अभिभावक और नाना-नानी, दादा-दादी भी उपस्थित रहे।
मनोरंजन: हरेक रीज़नल इंडस्ट्री की प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटा हुआ है 'क्रिएटिव वाइब': संतोष खेर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एस. एस. राजामौली की फ़िल्म 'RRR' के मशहूर गाने 'नातू नातू' ने गोल्डन ग्लोब्स जीतकर एक बार फिर से यह साबित कर दिया है क्षेत्रीय सिनेमा भी विश्वभर में अपनी छाप छोड़ने का दमखम रखता है. पिछले साल क्षेत्रीय सिनेमा और ओटीटी ने ऐसे दमदार कंटेट से दर्शकों को रूबरू कराया दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं. सिनेमा को नई ऊंचाई पर ले जानेवालों में कई लोग मशक़्क़त कर रहे हैं और इनमें से एक अहम नाम है प्रोडक्शन हाउस 'क्रिएटिव वाइब' का. उल्लेखनीय है भाषाओं से परे यह प्रोडक्शन हाउस देशभर में मौजूद नायाब तरह के कंटेट की संभावनाओं को खंगाल रहा है और नई-नई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका दे रहा है।
'क्रिएटिव वाइब' के संस्थापक संतोष खेर कहते हैं कि लोग ना सिर्फ़ गुणवत्तापूर्ण कंटेट देखना चाहते हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि विभिन्न रीजनल इंडस्ट्रीज़ से जुड़े तमाम प्रतिभाशाली लोगों को काम करने के लिए उचित मंच भी उपलब्ध कराया जाए. वे कहते हैं, "हमारे देश में ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है जो गुमनाम हैं और ऐसे लोगों के बारे में आम दर्शकों को ज़्यादा कुछ पता भी नहीं होता है. हम सृजनकर्ताओं व पेशवर लोगों को आम दर्शकों के सामने लाएंगे जिसके चलते हम दुनियाभर के सिनेमा से मुक़ाबला करने में पूरी तरह से सक्षम साबित होंगे।"
'क्रिएटिव वाइब' के लिए साल 2022 एक उल्लेखनीय साल रहा है. इस दौरान प्रोडक्शन हाउस की ओर से 'अथंग" नामक एक चर्चित मराठी हॉरर वेब सीरीज़ का निर्माण किया गया. प्रोडक्शन हाउस ने 'चंद्रमुखी' नामक भव्य मराठी फ़िल्म बनाकर लोगों को चकित किया. इसके अलावा भी कई उल्लेखनीय कंटेट का निर्माण प्रोडक्शन हाउस की ओर से किया गया है. ऐसे में अब 'क्रिएटिव वाइब' साल 2023 में हिंदी, मराठी और गुजराती भाषा में कंटेट निर्माण में ज़ोर-शोर से जुट गया है. वेब द्वारा उपलब्ध कराये जानेवाले मौकों से अच्छी तरह से परिचित संतोष खेर कहते हैं, 'वेब शोज़ की दुनिया क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट बनानेवाले मेकर्स के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है जिसके चलते विविध तरह के टैलेंट को अपने अद्भुत कार्यों को सामने लाने और अपनी क्षमताओं का भरपूर प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है. हम वेब कंटेट के माध्यम से ही नहीं, बल्कि विभिन्न भाषाओं में बननेवाली फ़िल्मों को भी एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना चाहते हैं।"
संतोष खेर इस इंडस्ट्री से जुड़े पेशेवर लोगों के साथ काम करने और उन्हें मौका देने में यकीन करते हैं. इसे लेकर वे कहते हैं, "जब कभी हम क्षेत्रीय स्तर की प्रतिभाओं की बात करते हैं तो हम महज़ कलाकारों के बारे में ही सोचते हैं. लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए किसी भी फ़िल्म/कंटेट के निर्माण में बड़े पैमाने पर अन्य लोग भी शामिल होते हैं. इनमें टेक्नीशियनों, कॉस्ट्यूम तैयार करनेवालों, लेखकों से लेकर अन्य तरह के कई और भी विभाग शामिल होते हैं जो किसी भॊ फ़िल्म को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ग़ौरतलब है कि कैमरा के पीछे काम करनेवालों के नाम मुख्यधारा के सिनेमा द्वारा भी आसानी से भुला दिया जाता है. ऐसे में हमारा प्रोडक्शन हाउस इस स्थिति को बदलने, नये नये नामों को सामने लाने और पर्दे के पीछे काम करनेवाले लोगों को स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है ताकि ऐसे गुमनाम लोगों की भी अपनी एक अलग पहचान बन सके।"
लेकिन क्या प्रोफ़ेशनल लोगों को अपनी-अपनी इंडस्ट्री तक ही सीमित कर दिया जाएगा? इस सवाल पर संतोष खेर कहते हैं, "हमें ऐसी प्रतिभाओं को तैयार करने की ज़रूत है जो विभिन्न तरह की क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज़ में काम कर सकें. अगर हम एक इंडस्ट्री से ताल्लुक रखनेवाली प्रतिभाओं को दूसरी इंडस्ट्री में काम करने का मौका मुहैया कराएंगे तभी जाकर हम सही मायनों में पैन इंडिया फ़िल्मों का निर्माण कर पाएंगे. हमने बड़े सुपरस्टार्स के साथ ऐसा होते हुए देखा है मगर ज़रूरत इस बात की है कि सभी भाषाओं की इंडस्ट्री से संबंध रखनेवाले कास्ट और क्रू के अन्य सदस्यों को भी इसी तरह के मौके दिये जाएं।"
प्रतिभाओं को परिष्कृत करने की सोच और पैन इंडिया सिनेमा के निर्माण का आइडिया सिनेमा के भविष्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर अन्य लोग भी सतोष खेर की तरह सोचने लग जाएं तो निश्चित ही वो दिन दूर नहीं है, जब सिनेमा की दुनिया जल्द ही आसमान की नई उंचाइयों को छूने लगेगी।
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