महाराष्ट्र की सत्ता में नागपुर का कद कायम, फड़णवीस बोले- 6 माह में गिर जाएगी सरकार

Nagpur stands in power of Maharashtra, Nitin Raut feel blessed
महाराष्ट्र की सत्ता में नागपुर का कद कायम, फड़णवीस बोले- 6 माह में गिर जाएगी सरकार
महाराष्ट्र की सत्ता में नागपुर का कद कायम, फड़णवीस बोले- 6 माह में गिर जाएगी सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र की सत्ता में नागपुर का कद कायम है। पिछली सरकार का नेतृत्व यहां के विधायक देवेंद्र फडणवीस ने किया। वे मुख्यमंत्री थे। लिहाजा नागपुर का सत्ता के मामले में कद बढ़ा था। अब 4 प्रमुख मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष यहीं से हैं। गृहमंत्री अनिल देशमुख नागपुर जिले की काटोल विधानसभा सीट से जीते हैं। उनका घर नागपुर में जीपीओ चौक में है। ऊर्जामंत्री नितीन राऊत उत्तर नागपुर के विधायक हैं। वे बेझनबाग में रहते हैं। पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार सावनेर के विधायक हैं। वे सिविल लाइन नागपुर में रहते हैं। भूकंप व पुनवर्सन सहित अन्य मामलों के मंत्री विजय वडेट्‌टीवार का घर रामदासपेठ में हैं। वे चंद्रपुर जिले की ब्रम्हपुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले का घर रहाटेकालोनी में हैं। वे भंडारा जिले की साकोली विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस का घर धरमपेठ में है। 

जिप चुनाव के बाद मंत्री लगेंगे काम पर 

फिलहाल राज्य में नागपुर सहित 6 जिलों में जिला परिषद के चुनाव चल रहे है। 7 जनवरी को मतदान होगा। इन चुनावों में सभी दल के नेता व्यस्त रहे । मंत्री अनिल देशमुख, नितीन राऊत  व सुनील केदार ने जिले में कांग्रेस व राकांपा के उम्मीदवरों के लिए चुनाव प्रचार किया। बताया जा रहा है कि मंगलवार को ज्यादातर मंत्री मुंबई में पदग्रहण करेंगे। मंत्रियों को बंगला आबंटित किया जा चुका है। 

नितीन राऊत बोले- मेरा सौभाग्य है कि मुझे महाराष्ट्र को ऊर्जावान करने का मौका मिला

राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद ऊर्जामंत्री बनाए गए डॉ.नितीन राऊत ने कहा है कि नई जिम्मेदारी से वे खुश हैं। उन्होंने कहा-स्वतंत्रता के पहले अंगरेज सरकार के समय व बाद में जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्व की सरकार में बाबासाहब आंबेडकर ऊर्जामंत्री बने थे। राज्य का ऊर्जामंत्री बनाए जाने को वे अपना सौभाग्य मानते हैँ। राज्य को ऊर्जावान करने का मौका मिला है। इस जवाबदारी को पूरा करेंगे। राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार के गठन के बाद राऊत को पीडब्ल्यू सहित अन्य विभागों का मंत्री बनाया गया था। बाद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। राऊत को ऊर्जामंत्री बनाया गया है। पीडब्ल्यू विभाग की जिम्मदारी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को दी गई है। संवाद माध्यम के प्रतिनिधियों से चर्चा में राऊत ने कहा कि उन्हें पहले से जानकारी थी कि ऊर्जामंत्री बनाया जा रहा है। कांग्रेस के मंत्रियों के नाम चयन करनेवाली टीम में वे भी रहे हैं। प्रश्न यह नहीं हैं कि मंत्रिमंडल में किस क्रमांक का स्थान मिला। महत्व इसका रहेगा कि जवाबदारी को कैसे निभा पाते हैं। विभाग की गरिमा का ध्यान भी रखना होता है। राज्य को भाजपामुक्त करने के लिए महाविकास विकास आघाड़ी की सरकार बनी है। यह सरकाार 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी। राज्य को लोडशेडिंग मुक्त करने की दिशा में काम किया जाएगा। हर घर में बिजली पहुंचेगी। महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में बिजली के दाम में अंतर है। उस अंतर को दूर किया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र काे मांग के अनुरुप सहूलियत के साथ बिजली दी जाएगी। किसानों को अधिक राहत दी जाएगी। ऊर्जा विभाग के प्रलंबित कार्यों को सबसे पहले पूरा करेंगे। नागपुर जिले का पालकमंत्री बनाने के प्रश्न  पर राऊत ने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे। केंद्र सरकार की किसी भी योजना को प्रभावित करने की कोई योजना नहीं है। लेकिन वे मानते हुैं कि केंद्र की कोई विकास योजना ही नहीं है। केवल मंदिर, कश्मीर, नागरिकता के मामले पर केंद्र की सरकार काम कर रही है। सामान्य लोगों के विकास की योजना नहीं दिखती है। 

बेईमान है सरकार, 6 माह में गिर जाएगी-फड़णवीस 

उधर महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यह सरकार बेईमान है। 6 माह में गिर जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार केवल मूर्ख बनाने का काम कर रही है। रविवार को जिले में जिला परिषद चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन एक सभा को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि किसानों के भले का दावा कर रही सरकार ने किसानों को भगवान भरोसे छोड़ रखा है। पहले अतिवृष्टि अब ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हुई है। गहरे संकट में फंसे किसानों को राहत देने के बजाय सरकार केवल मूर्ख बनाए जा रही है। विधानसभा चुनाव में राज्य में भाजपा गठबंधन को जनादेश मिला। 105 विधायकों के साथ पहले क्रमांक पर रहने के बाद भी भाजपा सत्ता से बाहर है। शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन सत्ता के लिए दूसरों से हाथ मिला लिया। जिस तरह से यह सरकार बनी है उससे वह 6 माह में गिर जाएगी। सरकार ने किसानों को अतिरिक्त राहत देने का वादा नहीं निभाया है। सरकार ने घोषित की कर्जमाफी धोखेबाजी है। 50 लाख किसानों का 19 हजार करोड का कर्ज भाजपा के नेतृत्व की सरकार ने ही पंचवार्षिक योजना में माफ किए थे। सरकार दावा कर रही है कि किसानों को कर्जमुक्त ही नहीं चिंतामुक्त करेगी। लेकिन किसानों को राहत नहीं दी जा रही है। किसानों का सातबारा कोरा नहीं किया गया है। अक्टूबर 2019 से दो बार आपदा आयी। सरकार ने जो घोषणा की है उससे अक्टूबर के बाद के नुकसान की भरपाई नहीं की जाएगी। नववर्ष पर हुई ओलावृष्टि का सर्वे नहीं किया गया है। धान, कपास, सोयाबीन व संतरा की फसल को नुकसान हुआ है। सरकार ने शिवथाली की योजना लायी है। लेकिन उस योजना का लाभ भी केवल 18 हजार लोगोें को ही मिल पाएगा। नागपुर जिले के नरखेड क्षेत्र के खैरगांव में फडणवीस किसानों को संबोधित कर रहे थे। 

Created On :   5 Jan 2020 1:17 PM GMT

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