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बार-बार RTI लगाकर परेशान करने वालों पर नकेल कसेगा यूनिवर्सिटी प्रशासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी में बार-बार आरटीआई लगा कर परेशान करने वाले कार्यकर्ताओं पर नकेल कसी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार यूनिवर्सिटी की अंदरूनी राजनीति में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं, जो निजी हितों के लिए आरटीआई का प्रयोग हथियार बना कर कर रहे हैं। जब्कि इसके दिशा निर्देशों में ऐसे आरटीआई कार्यकर्ताओं पर नकेल कसने के भी प्रबंध हैं। केंद्रीय सूचना आयोग के दिशानिर्देशों में स्पष्ट किया है कि बार-बार परेशान करने के उद्देश्य से आरटीआई में जानकारी मांगने वाले व्यक्ति को पहले अपात्र घोषित किया जाए, अगर फिर से वो हरकत दोहराए तो उसपर फौजदारी मामला भी दर्ज कराया जा सकता है।
कुछ लोग उठा रहे नाजायज फायदा
यूनिवर्सिटी के कुलसचिव पुरणचंद्र मेश्राम के अनुसार यूनिवर्सिटी में बार बार अनावश्यक आरटीआई दायर करके परेशान करने वाले कुछ तत्व मौजूद हैं। जिनका मकसद खुद के लाभ साधना है। जिसके लिए वो जानकारी का उपयोग करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सही उपयोग के लिए या पारदर्शिता के लिए आरटीआई के तहत जानकारी मांगना सही है। लेकिन निजी स्वार्थ के लिए इसका उपयोग करना गलत है।
एक व्यक्ति ने लगाई 7,035 आरटीआई
यूनिवर्सिटी से मिले आरटीआई संबंधी आंकड़ों में चौकाने वाली जानकारी सामने आई। यूनिवर्सिटी की राजनीति में सक्रीय सेंट्रल इंडीया इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन के संचालक सुनील मिश्रा ने आरटीआई का भरपुर इस्तेमाल किया है। आरटीआई अधिनियम 2005 के लागू होने के बाद से अब तक उन्होंने अकेले यूनिवर्सिटी में कुल 7 हजार 35 आरटीआई लगाई हैं। इस लिहाज से बीते 4 हजार 380 दिनों में इस व्यक्ति ने 7 हजार 35 आरटीआई यूनिवर्सिटी में दायर कर दी। यूनिवर्सिटी के नए फैसलें को हास्यास्पद बताते हुए उन्होंने कहा कि विवि के इस फैसले से देश भर में मजाक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्याय उनके द्वारा दायर आरटीआई में मांगी गई जानकारी पर नजर डालें और अगर इसमें कुछ भी गैर संविधानिक मिलें तो बेजिझक उनपर मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने विवि के इस फैसले को कुछ अधिकारियों द्वारा सूचना के मुक्त आदान प्रदान पर हमला बताया है।
Created On :   26 Oct 2017 8:40 PM IST