एनसीपी का आरोप - मुख्यमंत्री जानबूझकर विपक्ष के विधायकों के साथ कर रहे भेदभाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार के निर्वाचन क्षेत्र की बारामती नगर परिषद के 245 करोड़ रुपए के कामों को रोकने के फैसले से राकांपा नाराज हो गई है। मुख्यमंत्री ने पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान मंजूर नगर विकास विभाग के 941 करोड़ रुपए के कामों पर रोक लगाई है। इस पर रविवार को प्रदेश राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने मुख्यमंत्री पर विपक्ष के विधायकों के साथ जानबूझकर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। तपासे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा मंजूर 941 करोड़ रुपए के कामों पर रोक लगा दी है। इसमें बारामती नगर परिषद की 245 करोड़ रुपए की निधि का भी समावेश है। मुख्यमंत्री ने शिवसेना को छोड़कर सिर्फ कांग्रेस और राकांपा के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र के लिए मंजूर निधि पर रोक लगाई है। तपासे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिवसेना से बगावत करते समय तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर शिवसेना के विधायकों को विकास निधि न देने का आरोप लगाया था। लेकिन सत्ता बदलने के बाद अब मुख्यमंत्री शिंदे ने खुद राकांपा और कांग्रेस के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मंजूर निधि पर रोक लगा दी है। इससे साफ है कि मुख्यमंत्री राकांपा और कांग्रेस के साथ भेदभाव कर रहे हैं। दूसरी ओर शिवसेना के शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले ने कहा कि एक तहसील में कितनी विकास निधि देनी चाहिए इसकी कोई सीमा होनी चाहिए। पूर्व की सरकार में उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री रहते हुए अजित पवार ने बारामती में बहुत अधिक निधि मंजूर की थी। इसलिए मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकार द्वारा मंजूर निधि को रोकने का फैसला किया है।
Created On :   17 July 2022 8:15 PM IST