नागपुर यूनिवर्सिटी में रक्षा क्षेत्र से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करें

Need to Start Defense Sector Courses in Nagpur University - Koshi
नागपुर यूनिवर्सिटी में रक्षा क्षेत्र से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करें
कोश्यारी ने कहा नागपुर यूनिवर्सिटी में रक्षा क्षेत्र से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक वक्त पर आध्यात्मिक कौशल के प्रदेश के रूप में प्रसिद्ध एशियाई देशों में अब सुरक्षा से जुड़े शस्त्र निर्माण और आधुनिक तंत्र ज्ञान की स्पर्धा शुरू हो गई है। इसमें भारत का अस्तित्व टिका रहे, इसलिए जरूरी है कि हमारे विश्वविद्यालय रक्षा क्षेत्र से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करें। नागपुर विश्वविद्यालय ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है, यह आनंद का विषय है। प्रदेश के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने बुधवार को राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विवि के रक्षा व अंतरिक्ष कौशल विकास केंद्र के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार रखे। 

कुशल मनुष्य बल तैयार होगा

राज्यपाल ने विश्वास जताया कि विवि के इन नए पाठ्यक्रमों के कारण नागपुर में कुशल मनुष्य बल तैयार होगा। आगे विवि को संरक्षण क्षेत्र से जुड़े उत्पादनों पर केंद्रित पाठ्यक्रम शुरू करने चाहिए। राज्यपाल ने विवि को भरोसा जताया कि ऐसे नए उपक्रमों के लिए उन्हें निधि की कमी नहीं होने दी जाएगी। विश्वविद्यालय में शुरू होने जा रहे 11 नए पाठ्यक्रमों पर भी उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। कार्यक्रम में महापौर दयाशंकर तिवारी, नागपुर विवि कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी, प्रकुलगुरु डॉ. संजय दुधे, कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे, ग्रुप कमांडर एनसीसी एम. कलीम उपस्थित थे। कार्यक्रम की प्रस्तावना कुलगुरु ने रखी। सूत्र संचालन विद्यार्थी कल्याण विभाग संचालक डॉ. अभय मुद्गल ने किया। आभार प्रकुलगुरु डॉ. संजय दुधे ने माना।

कौशल विकास पर आधारित इस पाठ्यक्रम में आईटीआई के अलावा 10वीं, 12वीं के उत्तीर्ण विद्यार्थी भी प्रवेश ले सकते हैं। ये कुल 11 पाठ्यक्रम हैं, जिनकी पढ़ाई करने के बाद आयुध निर्मिति और औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। ये डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम होंगे। पाठ्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी विवि विद्यार्थी कल्याण विभाग संचालक को दी गई है। विज्ञान व तंत्र शिक्षा विद्या शाखा के अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत माहेश्वरी के मार्गदर्शन में परीक्षा की स्कीम और पाठ्यक्रम तैयार हुआ है। इसमें कमिन्स कॉलेज प्राचार्य डॉ. भारत भूषण जोशी की अहम भूमिका रही। 
 

Created On :   16 Sep 2021 1:15 PM GMT

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